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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर वर्कशॉप का आयोजन

अनिल कुमार, बठिंडा
प्रिंसिपल वीनू गोयल की अध्यक्षता में “अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस” पर विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया गया। यह आयोजन प्रिंसिपल सवरीन कौर के सहयोग से किया गया जिसमें वीनू गोयल ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2011 में बालिकाओं के कल्याण व उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संस्थाओं को प्रति बंधित किया गया। 11 अक्टूबर 2012 में पहली बार “अंतरराष्ट्रीय” बालिका दिवस मनाया गया संविधान महिलाओं को ना केवल समानता का दर्जा प्रदान करता है। अपितु राज्य को महिलाओं के पक्ष में सकारात्मक भेदभाव के उपाय करने की शक्ति भी प्रदान करता है।
वीनू गोयल ने कहा अगर हम बठिंडा की बात करें तो आज भी हमारे शहर का लिंग अनुपात 868 जो कि बहुत ही कम है जिससे पता लगता है कि आज भी कहीं ना कहीं भ्रूण हत्या जैसे घिनौनी बुराइयां हमारे समाज में निहित है। 18वीं सदी की मानसिकता के साथ हम 21वीं सदी में पैर रखने की बात नहीं कर सकते। उन्होंने बताया मानसिकता को बदलने के लिए हमारी शिक्षा का पाठ्यक्रम में कुछ नैतिक मूल्यों को सम्मिलित करना जरूरी है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत कार्यक्रम के अंतर्गत बेटी को पढ़ाना है भ्रूण हत्या के खिलाफ सख्त प्रावधान प्रस्तुत किए। सुप्रीम कोर्ट के कानून बनाने के साथ मानसिकता बदलना जरूरी है सुप्रीम कोर्ट के सख्त कानूनों के बावजूद भी दहेज प्रताडऩा, बलात्कार, भ्रूण हत्या जैसे मामले अभी भी सामने आ रहे हैं जिससे स्पष्ट है कि मानसिकता जब तक नहीं बदलेगी तब तक पूर्ण बालिका सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह है। इस वर्कशॉप में डायमंड वेलफेयर सोसाइटी के मैडम रिंपी गर्ग ने बालिकाओं से धर्म व संस्कृति वह इतिहास संबंधी प्रश्न पूछे। पवित कौर मैडम ने विज्ञान संबंधी व पतंजलि योग से रिंपी मैडम ने इतिहासिक प्रश्न पूछे गए सही उत्तर देने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया गया । अंत में राष्ट्रीय गान कर कार्यक्रम का समापन हुआ।

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