धर्म गुरु
माघ महीने की अमावस्या पर शनिदेव धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में जा बैठेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनि एक राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं। शनि के एक ग्रह से दूसरे ग्रह में जाने से सभी पर इसका गहर प्रभाव पड़ता है। इससे पहले शनि 2017 में धनु राशि में आए थे। मकर राशि के बाद 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। इस बार 30 साल के बाद शनि मकर राशि में आया है।
शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी चाल से चलने वाले एकमात्र ग्रह है। धीमी चाल चलने की वजह से इसका असर काफी दिनों तक रहता है। जिस भी जातक की कुंडली में शनि रहते हैं उन पर अपनी सीधा प्रभाव डालते हैं। शनि का असर एक राशि पर ढाई साल से साढ़े सात साल तक रहता है। जब भी शनि का गोचर एक राशि से दूसरी राशि में होता है तब शनि उस राशि के अलावा उसके पहले वाली राशि और बाद वाली एक राशि पर पड़ता है। इसे ही साढ़ेसाती कहते हैं। वहीं जब शनि का गोचर किसी राशि से चौथे और आठवें भाव में होता है तो उसको ढैय्या कहा जाता है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में हर 30 साल में एक बार साढ़ेसाती जरूर आती है।
मेष राशि-
शनि के राशि बदलने से मेष राशि के जातकों पर इसका कोई असर नहीं होगा। काम आसानी से होंगे और नौकरी के लिए अनुकूल समय रहेगा।वृष राशि- वृष राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या उतर रही है। धन संबंधी लाभ मिलेगा।
मिथुन राशि- मिथुन राशि पर शनि की ढैय्या लगेगी। परेशानियां बढ़ेंगी और सेहत में गिरावट देखने को मिलेगा।
कर्क राशि- इस राशि के जातकों के लिए शनि शुभ फल देगा।
कन्या राशि- कन्या राशि के जातकों से शनि की ढैय्या उतर जाएगी।
तुला राशि- शनि के मकर राशि में प्रवेश करने से तुला राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। बाधाएं मिलेगी।
वृश्चिक राशि- इस राशि के जातकों पर से शनि की साढ़ेसाती उतरेगी। अच्छे दिन शुरू होंगे। कार्यों में सफलता मिलेगी। समाज में यश बढ़ेगा।
मकर राशि- आप पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण होगा। मिला जुला परिणाम देखने को मिलेगा।
कुंभ राशि- शनि के मकर राशि में प्रवेश होने से कुंभ राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। आर्थिक परेशानियां और नौकरी में संकट रहेगा।
मीन राशि- मीन राशि के जातकों पर शनि का सीधा प्रभाव नहीं रहेगा।