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काले कानूंनों के खिलाफ पहले दिन से किसानों के हक में खड़ी है आम आदमी पार्टी -प्रो. बलजिंदर कौर

अनिल कुमार, बठिंडा
कृषि संबंधी केंद्रीय काले कानूनों के विरुद्ध किसानों के आह्वान पर जिला स्तरीय रोष प्रर्दशन में आम आदमी पार्टी (आप) की जिला ईकाई ने तलवंडी साबो से विधायिका प्रो. बलजिंदर कौर के नेतृत्व में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उनके साथ गुरजंट सिंह सिवीया जिला प्रधान देहाती, नवदीप जीदा जिला प्रधान शहरी, महिंदर सिंह फूलोमीठी, अमरदीप राजन, अनील ठाकुर, राकेश पुरी, अमृत अग्रवाल और अन्य स्थानीय नेता मौजूद थे। इस अवसर पर बातचीत करते हुए प्रो. बलजिंदर कौर ने कहा कि जब से केंद्र सरकार द्वारा बीते जून माह में कृषि संबंधी अध्यादेश लाने की बात शुरू की थी, तब से ही आम आदमी पार्टी का समूचा नेतृत्व इन (कृषि कानूनों) का जमकर विरोध करते हुए किसानों के हक में डटा हुआ है। प्रो. बलजिंदर कौर ने बताया कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मु यमंत्री के दिशा निर्देशों पर पार्टी के वॉलंटियरों से लेकर नेताओं तक सभी ने किसान संघर्ष में बतौर किसान पुत्र के तौर पर ही भाग लिया है, लेकिन पार्टी के झंडे और एजेंडे को कभी आगे नहीं किया, क्योंकि यह समय राजनीति करने का नहीं बल्कि कृषि और किसान का अस्तित्व बचाने का है। किसान अंदोलन की इस निर्णायक जंग को तो ही जीता जा सकेगा यदि हम सब एकजुट और एकसुर इस संघर्ष में किसानों का साथ देंगे।
‘आपÓ नेता ने कहा कि यह अंदोलन केवल कृषि और किसान तक सीमित नहीं है, यह हर वर्ग एवं श्रेणी के आर्थिक हितों से जुड़ा हुआ संघर्ष है, क्योंकि कृषि प्रधान देश होने के नाते यहां की पूरी आर्थिकता कृषि के इर्द-गिर्द ही घूमती है। इस हालात में यदि अन्नदाता ही न बचा तो बाकी सब अपना अस्तित्व कैसे बचा सकेंगें ‘आपÓ नेता ने मु यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और बादल परिवार को कोसते हुए कहा कि यदि यह लोग पहले दिन से ही इन काले कानूंनों के खिलाफ स्पष्ट एवं सख़्त स्टैंड लेते तो मोदी सरकार तानाशाही तरीक़े से इन कानूंनों को थोपने की हि मत ही न करती। उन्होंने कहा कि कैप्टन और बादल द्वारा मोदी सरकार से मिलकर अपनाई गई दोगली नीति ने किसान और पंजाब का भारी नुक्सान किया है। ‘आपÓ नेता ने बताया कि किसानों के समर्थन में आज (सोमवार) को अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान समेत सभी विधायक, सांसद, वरिष्ठ और स्थानीय नेतृत्व अथवा कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर रहे।

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