Theappealnews

किसान प्रदर्शन – चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर सील, लोगोंवाल पुलिस थाने के सामने 32 किसान संगठन द्वारा पक्का मोर्चा आरंभ

किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी), बीकेयू (एकता आजाद), आजाद किसान समिति, दोआबा, बीकेयू (बेहरामके) और भूमि बचाओ मोहीम सहित सोलह कृषि निकायों ने प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। इन सभी ने बाढ़ से हुए नुकसान का मुआवजा मांगा। किसान पंजाब समेत उत्तरी क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए केंद्र से 50,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग कर रहे हैं। वे फसल के नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, क्षतिग्रस्त घर के लिए 5 लाख रुपये और बाढ़ में मरने वाले व्यक्ति के परिवार के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं।

पंजाब में आई बाढ़ के बाद किसानों की फसलें बर्बाद हो गई थी, जिसको लेकर किसानों ने पहले पंजाब के संगरूर में धरना दिया। इसके बाद हरियाणा और पंजाब के किसानों द्वारा आज चंडीगढ़ में धरना देने का एलान किया गया है। हरियाणा और पंजाब की किसान जत्थेबंदियों के द्वारा ऐलान किया गया है कि वे सभी खराब हुई फसल के मुआवजे और अन्य मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करेंगे।

वहीं, किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। किसान प्रदर्शनकारियों को पंचकूला से जीरकपुर और चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है। वहीं संगरूर के पुलिस ने भी 350 पुलिसकर्मियों को घरने की जगह पर तैनात कर दिया है और जगह-जगह नाकाबंदी कर रखी है।

लोंगोवाल थाने के सामने लगा पक्का मोर्चा

सोमवार को लोंगोवाल में पुलिस तथा किसानों के बीच हुई झड़प होने दौरान एक किसान की हुई मौत हो गई थी। इसके बाद 32 किसान संगठनों द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में लोगोंवाल पुलिस थाना के सामने किसानों को धरना मंगलवार को भी जारी रहा। विभिन्न किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने धरने में शिरकत की और उक्त किसान की मौत के लिए पुलिस प्रशासन तथा पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने घटना दौरान मौके पर मौजूद सीनियर पुलिस अधिकारियों और मुलाजिमों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। इसके अलावा किसानों पर दर्ज किए गए केस को रद्द करने, किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं को रिहा करने, जब्त किए गए वाहनों को छोड़ने की मांग की। साथ ही एलान किया कि उक्त मांगों की पूर्ति तक दिल्ली मोर्चे की भांति यहां पर पक्का मोर्चा जारी रखा जाएगा।

Exit mobile version