चंडीगढ़
रियल एस्टेट सैक्टर में बूम लाने का वादा करने वाली पंजाब सरकार ने रजिस्ट्री अप्वाइंटमैंट के लिए 500 रुपए फीस लगाने के बाद एक और बोझ डालने की तैयारी कर ली है।
रजिस्ट्री अप्वाइंटमैंट लेने के लिए 5 सौ रुपया फीस लगाए जाने का पहले ही पूरे राज्य में विरोध हो रहा है ऊपर से यदि सोशल सिक्योरिटी फंड लग गया तो सरकार की भारी आलोचना होगी। पूर्व अकाली भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान भी सोशल सिक्योरिटी फंड लगाया गया था लेकिन बाद में इसको बंद कर दिया गया था।
रजिस्ट्री पर लगने वाले अष्टाम व अन्य फीसों की बात करें तो इस समय रजिस्ट्री पर 4 से 6 प्रतिशत अष्टाम फीस लग रही है जिसमें महिलाओं के नाम रजिस्ट्री करने पर 4 प्रतिशत फीस तो पुरुषों के नाम की रजिस्ट्री पर 6 प्रतिशत अष्टाम फीस लगती है। इसके अलावा 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस व 1 प्रतिशत पी.आई.डी.बी. फीस ली जाती है और 2-3 अन्य छोटे खर्चे भी लगाए जाते हैं।
पंजाब सरकार का खजाना खाली होने के कारण सरकार इस प्रकार की फीस लगाने को मजबूर है। हालांकि इसका सीधा असर आम आदमी पर ही पड़ता है और विधान सभा चुनावों के दौरान यह एक बड़ा मुद्दा भी विपक्षी दलों के हाथ लगेगा। क्योंकि कैप्टन सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जनता से वायदा किया था कि प्रापर्टी कारोबार को फिर से शिखर पर लाया जाएगा लेकिन वास्तव में शिखर पर जाने के बजाय पतन की कगार पर प्रापर्टी कारोबार जा रहा है।