गलियों में आने जाने पशुओं एवं इंसानों को चाइना डोर से बचाना था मुख्य मकसद- धैर्या, आस्था

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बसंत मौके जब शहर के सभी बच्चें डीजे लगाकर पतंगबाजी करने में लगे थे तो यह भाई बहन गलियों में चाइना डोर एकत्र करते नजर आए

धीरज गर्ग, बठिंडा

बसंत पंचमी मौके जब शहर के सभी बच्चें डीजे लगाकर अपने घरों की छत्तों पर पतंगबाजी कर रहे थे तो शहर के नामदेव रोड वासी भाई बहन धैर्या एवं आस्था शहर की ‌गलियों में जाकर चाइना डोर एकत्र कर रहे थे।तांकि इस चाइना डोर की चपेट में आने से इंसानों एवं पशुओं को बचाया जा सकें।

धैर्या और आस्था ने बातचीत के दौरान बताया कि वो भी अन्य बच्चों की तरह बसंत पंचमी का त्यौहार मना सकते थे, लेकिन जब से उन्होंने मीडिया में देखा कि चाइना डोर से पशुओं एवं इंसानों की जिंदगी उक्त डोर से खतरे में है, तो हम दोनों भाई बहन ने ठान लिया था कि इस बार हम बसंत पंचमी मौके पतंगबाजी नहीं करेगें ब्लकि उस दिन शहर की गलियों में जाकर चाइना डोर को एकत्र कर कूडे में डालेगें।

उक्त भाई बहन ने बताया कि चाइना डोर को एकत्र करने का मुख्य मकसद गलियों में आने जाने वाले पशुओं एवं इसानों को बचाना था। उन्होंने बताया कि कई जगह उन्होंने देखा कि चाइना डोर एकदम से आसमान से नीचे आ रही और किसी ना किसी को अपनी चपेट में ले रही। उक्त भाई बहन ने बताया कि जब गलियों में चाइना डोर एकत्र कर रहे थे तो बहुत लोगों ने उनको पूछा कि बच्चों तुम लोग पतंग नहीं उडा रहे तो उन्होंने कहा कि हमारा पतंग उडाना उतना जरूरी नहीं जितना पशुओं एवं इंसानों की जिंदगी को इस मौत की चाइना डोर से बचाना है। शहर वासी इन बच्चों के कदम को सरहा रहे है।

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