बठिंडा, (कपिल शर्मा) सिरसा निवासी 50 वर्षीय कुलवंत कौर घुटने की शिकायत को लेकर बठिंडा के पॉवर हाउस रोड़ सि्थत गुप्ता अस्पताल में पहुंची। जहां हड्डी व जोड़ों के रोगों के माहिर डा. मोहित ने प्राथमिक जांच के बाद घुटना बदलने की सलाह दी। कुलवंत कौर ने बिना देरी किए अपने दोनो घुटने बदलवा लिये। घुटने बदलने के 48 घंटों में ही उसे दर्द से राहत मिल गई। अब उन्हें सुबह उठते ही घुटनों में चीस महसूस नहीं होती। ऐसे में जब उन्होंने वॉकर पकड़ कर चलना शुरू किया तो उन्हें दर्द कम महसूस हुआ और धीरे धीरे दर्द बिलकुल गायब हो गया और अब वे बिलकुल तंदरूस्त महसूस कर रही है। वहीं उनके बेटे राजन ने बताया कि माता कुलवंत कौर के घुटने की दर्द की वजह से वे बिस्तर से उठ नहीं पाते थे, पूरा समय उन्हें एक सदस्य की आवश्यकता पड़ती थी, जिससे घर और खेती दोनो काम प्रभावित हो रहे थे, परंतु वे अब तंदरूस्त हैं और घर के कामों के साथ साथ खेती में भी अपनी सलाह देकर उनकी मदद कर रहे है। इस बाबत जानकारी देते हुए डा. मोहित गुप्ता ने बताया कि उम्र बढने के साथ घुटनों के बीच मौजूद कारि्टलेज घिसकर सूखने लगता है। इससे घुटने मोड़ने और चलने फिरने में तकलीफ होती है। 60 साल की उम्र के बाद ज्यादातर लोगों को ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसे प्राइमरी ऑसि्टयो ऑथ्राइटिस कहा जाता है। आजक एक्सरसाइज की कमी, बढ़ते वजन, खानपान में कैलि्शयम और विटामिन डी 3 की कमी होने के कारण घुटनों का दर्द युवा अवस्था में भी सताने लगा है।