धीरज गर्ग, बठिंडा । बारिश के सीजन में जहां एक ओर डेंगू की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है और अपने घरों में सफाई रखने और कूलरों, गमलों में साफ पानी खड़ा रहने से रोकने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वहीं सिविल अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए बनाया गया स्पैशल वार्ड खुद गंदगी से भरा पड़ा है जिससे इस वार्ड में दाखिल मरीजों व उनके साथ आए परिजनों को अन्य बीमारियां लगने का खतरा बना रहता है।
उल्लेखनीय है कि बरसात के सीजन डेंगू के बहुत से केस सामने आते हैं जिनसे निपटने के लिए सिविल अस्पताल में स्पैशल डेंगू वार्ड बनाया जाता है ताकि इन मरीजों का एक ही छत के नीचे इलाज किया जा सके। परंतु इस स्पैशल वार्ड की साफ सफाई का ठोस प्रबंध नहीं किए जाने के चलते इस वार्ड में दाखिल मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इस बाबत मरीजों के साथ आए परिजनों का कहना है कि इस वार्ड में बिस्तरों के नीचे गंदगी पड़ी रहती है जिस पर मक्खी, मच्छर मंडराते रहते हैं। वहीं मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि इस वार्ड में गर्मी से बचने का भी उचित प्रबंध नहीं किया गया है। वार्ड में लगाए गए कूलरों में पानी तक नहीं डाला जाता है जिसके चलते वह बाहर से गर्म हवा देते रहते हैं।
वहीं इस बाबत अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि मरीजों के साथ आए उनके परिजन ही गंदगी फैलाने में बड़ी भूमिका अदा करते हैं। मरीजों के परिजन अपने साथ लाए सामान को उसी तरह छोड़ देते हैं। कई बार खाना खाने के बाद गंदे बर्तन, चाय के कप बिस्तरों के नीचे जमा कर दिए जाते हैं।
मरीज को छुट्टी मिलने के बाद उसके परिजन इस गंदगी को इसी तरह छोड़कर चले जाते हैं जिस कारण वार्ड में गंदगी की समस्या पैदा हो जाती है।
इस बाबत सिविल अस्पताल के एसएमओ सतीश गोयल से बात करने पर उन्होंने कहा कि डेंगू वार्ड में गंदगी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। वह इस बाबत संबंधित कर्मचारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी कर वार्ड में सफाई का उचित प्रबंध करवाएंगे।
सिविल अस्पताल में मछली पालन के लिए बनाया गया पौंड मछलियों की जगह मच्छरों के पैदा होने का अड्डा बन चुका है। इस पैंड पर बड़ी संख्या में मच्छर पैदा हो रहे हैं। जहां एक ओर पूरे शहर में साफ पानी खड़ा नहीं रहने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है वहीं सिविल अस्पताल में बना यह पौंड प्रशासन के दावों की पोल खोल रहा है।