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परिवार कल्याणण व स्वास्थय मंत्री पंजाब सिद्धु ने बरनाला में फहराया राष्ट्रीय ध्वज

नीरज मंगला, बरनाला।
72वें गणतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय ध्वज फहराने बरनाला पहुंचे परिवार कल्याण व स्वास्थय मंत्री पंजाब बलवीर सिंह सिद्धु ने कहा है कि देश के संविधान निर्माता डा. भीम राव अंबेदकर को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनकी वजह से ही हमें दुनिया में सबसे बड़ी लोकतंत्र होने का मान हासिल हुआ हैं। देश में गणतंत्र कायम रखना हर सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र ने किसानों का जलूस निकाल दिया है। कृषि विरोधी बिलों को वापिस लेकर केन्द्र सरकार को देश में गणराज्य स्थापित करना चाहिए।

जिला प्रशास्निक परिसर में आयोजित हुए गणतंत्र दिवस समारोह को संबोधित करते हुए सेहत व परिवार भलाई विभाग मंत्री सिद्धू ने कहा कि प्रदेश के लोगों को सेहतयाब रखना ही सरकार की प्राथ्मिक्ता है। कोरोना महामारी पर फतेह पाने के में पंजाब सरकार द्वारा समय पर सार्थक कदम उठाए गए। जब महामारी फैली तो राज्य के पास कोविड -19 की टेस्टिंग सामथ्र्य नहीं थी, परन्तु आज राज सरकार के पास 7 लैबाटरियां हैं, जहां हर रोज 25000 टैस्ट की टेस्टिंग सामथ्र्य है। मरीजों की संभाल के लिए 8000 आक्सीजन समर्थित बिस्तरे, 855 वैंटीलेटरों के साथ 1500 आईसीयू बैड, 25 एडवांस्ड लाईफ स्पोर्ट ऐंबूलैंस, 300 बेसिक लाईफ स्पोर्ट ऐंबूलैंस हैं।

सेवाओं के बदले दिया सम्मान:-
गणतंत्रता दिवस के मौके पर जहां प्रसिद्ध साहित्यकार ओम प्रकाश गासो का विशेश अभिनंदन किया गया, वहीं मुख्यातिथी सेहत मंत्री सिद्धु ने कोरोना महामारी दौरान जिला को बेहतरीन सेवाएं देने के बदले डिप्टी कमिशनर तेज प्रताप सिंह फुलका, एसएसपी सन्दीप गोयल, पंजाब होम गार्डस एवं सिविल डिफेंस कमांडेंट रछपाल सिंह धुरी और निदेशक सेहत सेवाएं पंजाब डा. जीबी सिंह को सम्मानित किया। इस मौके पर जिला व सैशन जज श्री वरिन्दर अग्रवाल, सिवल जज (सीनियर डिवीजन) अमरिंदर पाल सिंह, सीजएम विनीत नारंग, डीएलएसए सचिव रुपिन्दर सिंह, एडीसी आदित्य डेचलवाल, सहायक कमिश्नर अशोक कुमार, सहायक कमिश्नर मैडम किरण शर्मा भी उपस्थित थे।

धव्जारोहण के बाद परेड से सलामी लेना भूले मंत्री-
बरनाला के जिला प्रबंधकीय परिसर में आयोजित हुए 72वें गणतंत्रता दिवस के मुख्यातिथी स्वास्थय मंत्री पंजाब बलवीर सिंह सिद्धु ने ध्वजारोहण करने और भाषण देने के बाद सोफे पर बैठ गए। जबकि पुलिस के अधिकारी परेड और मुख्याथिती को सलामी देने का इंतजार करते रहे। जैसे ही प्रशासन को इस हुई गलती की भिनक लगी तो तुरंत शांति के प्रतीक गुबारे आकाश में छोड़े गए और पुलिस परेड से सलामी ली गई।

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