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बहिबल गोलीकांड: इंसाफ के लिए अब दस्तक देगा पीड़ित परिवार पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में

बरगाड़ी

बरगाड़ी बेअदबी मामले से सम्बंधित बहिबल गोलीकांड केस के मुख्य गवाह सुरजीत सिंह की हार्ट अटैक से हुई मौत के मामले को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।पीड़ित परिवार का दावा है कि मौत से पहले सुरजीत सिंह पर गवाही मुकरने के लिए दबाव बनाया जा रहा था और दबाव बनाने वाले व्यक्तियों को राज्य के कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार व फरीदकोट से विधायक कुशलदीप सिंह किक्की ढिल्लों की शह थी। इस मामले को लेकर करीब एक सप्ताह पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई न होने से खफा मृतक सुरजीत सिंह के परिवार ने अब इंसाफ के लिए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दस्तक देने का फैसला किया है।
बुधवार को गांव बहिबल कलां स्थित अपने आवास पर पत्रकारवार्ता में सुरजीत सिंह की पत्नी जसवीर कौर व बेटे लखविंदर सिंह ने बताया कि भले ही उन्होंने दो दिन पहले भी थाना बाजाखाना में एक नई शिकायत सौंपकर कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़, विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों समेत बरगाड़ी पुलिस चौकी के दो मुलाजिमों, पावरकाम के तीन अधिकारियों के साथ साथ अपने गांव के मनजिंदर सिंह समेत तीन व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, लेकिन उन्हें अब न तो जिला पुलिस पर कोई भरोसा है और न ही उनसे किसी तरह के न्याय की कोई उम्मीद है।
पुलिस ने उनकी पहली शिकायत में से महज उनके गांव के तीनों व्यक्तियों के खिलाफ हवाई फायरिंग के आरोप का केस दर्ज किया था और उस केस के दर्ज होने के सात दिन बीत जाने पर भी उन आरोपियों को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस शिकायत में उन्होंने बरगाड़ी पुलिस के दो पुलिस मुलाजिमों एएसआई गुरविंदर सिंह व हवलदार जगसीर सिंह और पावरकाम के तीन अधिकारियों कार्यकारी इंजीनियर कंवलजीत सिंह, एसडीओ बलजिंदर सिंह व जेई तेजपाल पर भी कार्रवाई की मांग की थी लेकिन पुलिस ने महज मनजिंदर सिंह आदि पर केस दर्ज कर इस मामले को परिवार की निजी रंजिश के रूप में पेश किया।
उन्होंने कहा कि हालांकि पहले उन्हें मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से न्याय की उम्मीद थी लेकिन मुख्यमंत्री से मिलने के एक सप्ताह बाद भी कोई कार्रवाई न होने के कारण अब यह उम्मीद भी टूट चुकी है जिसके चलते अब उन्होंने हाईकोर्ट में गुहार लगाने का फैसला कर लिया है।

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