अनिल कुमार,बठिडा
लोगों के मनोरंजन का साधन बठिडा का बीड़ तालाब मिनी जू आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। जंगलात विभाग ने सरकार से आदेश मिलने के बाद कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते हुए यहां पर लोगों की एंट्री की इजाजत दे दी है। जू में जाने से पहले थर्मल स्क्रीनिग से होकर गुजरना पड़ेगा। अगर इसमें किसी के शरीर का तापमान ज्यादा आ जाता है तो उसको वापिस भेज दिया जाएगा। यहीं नहीं जू में टिकट काउंटर से लेकर पिजरों में कैद जानवरों को देखने के लिए सर्कल बनाए गए हैं।
बीड़ तालाब जू में पहले दिन 40 के करीब लोगों ने आनंद लिया। सर्दियों के मौसम में जू खुलने से आए बच्चों ने भी झूलों का काफी आनंद लिया। मिनी जू 22 मार्च से कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लाकडाउन के चलते बंद कर दिया गया था। यहां तक कि बठिडा के मिनी जू कम डियर सफारी के लिए हर हफ्ते एक हजार के करीब टिकटों की बिक्री होती थी। इसमें सोमवार से शुक्रवार तक तो रोजाना 50 से 60 टिकेट ही बिकते थे। लेकिन शनिवार व रविवार को यहां पर टिकटों की बिक्री 400 से भी बढ़ जाती थी। इसके अलावा डियर सफारी के लिए अलग से 30 रुपये टिकट है। इसमें एक बात यह भी है कि तेंदुए आने से पहले तो यहां पर शनिवार व रविवार को भी बहुत ही कम लोग आते थे। मगर अब लोगों की गिनती काफी बढ़ गई थी। टाइगर सफाई की योजना
फिर से शुरू करने की तैयारी
दूसरी तरफ बीड़ तालाब स्थित मिनी जू में टाइगर सफारी बनाने की चल रही योजना को एक बार फिर से शुरू करने की तैयारी हो गई है। इसके लिए फाइलों को तैयार कर मंजूरी के लिए चंडीगढ़ छत्तबीड़ जू में भेज दिया गया है। 2017 में मिनी जू में टाइगर सफारी का प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका था तो लोगों को आकर्षित करने के लिए तेंदुए लाए गए थे। उस समय दो मेल व एक फीमेल तेंदुआ लाया गया था। मगर कुछ समय पहले फीमेल तेंदुए की मौत हो गई तो उसकी जगह पर जंगल से मेल तेंदुआ ही लाया गया। इसके बाद बीड़ तालाब मिनी जू में लोगों का आना जाना काफी बढ़ गया। वहीं अब टाइगर सफारी बनाने की तैयारी की जा रही है। मिनी जू में फिलहाल तीन मेल तेंदुए होने के बाद अब फीमेल तेंदुए को लेकर आने की भी तैयारी हो गई है। इसके लिए छत्तबीड़ जू चंडीगढ़ से मंजूरी भी मिल गई है।
इस समय बीड़ तालाब जू में ईमू, उल्लू, बजरीगर, मोर, बंदर, तोते, कबूतर जैसे जंगली पशु- पक्षी हैं। वहीं डियर सफारी अलग से बनाई गई है। यहां पर विभिन्न नस्लों के 234 हिरण हैं, जिनको सफारी में खुला छोड़ा गया है। इनको देखने के लिए टाय ट्रेन से घुमाया जाता है। यहां तक कि हर जानवर की खुराक भी अलग अलग है। इसमें अकेले तेदूंए ही हर रोज 12 किलो मास खाते हैं। इसको सहारनपुर से मंगवाया जाता है। यहीं नहीं वहीं अब टाइगर सफारी बनने के बाद विभाग को उम्मीद है कि दर्शक काफी बढ़ जाएंगे। जबकि टाइगर सफारी को ओपन बनाया जाएगा, जिसमें घूमने के लिए लोगों को एक कवर वैन में बिठाकर घुमाया जाएगा।
डीएफओ स्वर्ण सिंह का कहना है कि जू को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। मगर अब यहां पर आने वालों के लिए हर प्रकार के कोरोना को लेकर जारी हुए नियमों का ध्यान रखा जाएगा।