- धीरज गर्ग, बठिंडा
शुक्रवार शहर के अमरीक सिंह रोड पर उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया, जब जिला भाजपा के चलते कार्यक्रम में किसान नेता पहुंच गए। समारोह को रूकवाने के लिए किसान नेता अंदर घुस गए और भाजपा नेताओं से हाथापाई शुरू कर दी। समारोह स्थल पर रखी कुर्सियों को तोड़ दिया गया। रोचक बात है कि यह पूरा घटनाक्रम पुलिस की मौजूदगी में हुआ। पुलिस मुलाजिमों ने किसान नेताओं को रोकने की जगह सिर्फ मूक दर्शन बनकर सब देखते रहे। भाजपा वर्करों ने आरोप लगाया कि किसानों के नाम पर कुछ लोग राजनीतिक संरक्षण में गुंडागर्दी पर उतर आए है। इसमें कुछ लोगों ने मिलकर जहां समागम स्थल पर बैठे लोगों पर ईट व पत्थर बरसाएं वही कुर्सी तोड़कर समागम को रुकवा दिया। भाजपा ने आरोप लगाया कि राजनीतिक हित साधने के लिए कांग्रेस शहर का माहौल खराब कर रही है
- व गुंडागर्दी कर दूसरे दलों को दबाने की कोशिश कर रही है। इस घटना के बाद जहां किसानों ने धरना स्थल पर धरना लगाया वही इसके विरोध में भाजपा के वर्करों व नेताओं ने भी धरना लगा दिया। मामला गंभीर होने व हंगामा बढ़ता देख एसएसपी भुपिंदरजीत सिंह विर्क सहित पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। इसमें दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश जारी रही जबकि किसानों ने चेतावनी दी कि वह जिले में भाजपा का कोई भी समागम किसी भी सूरत में आयोजित नहीं होने देंगे व उनकी लीडरशिप का घेराव जारी रखेगें। गौरतलब है कि 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंति पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अमरिक सिंह रोड पर उड़ाग पैलेस के सामने स्थित स्थान पर टैंट व कुर्सी लगाकर समागम का आयोजन किया था। समागम भाजपा महिला मोर्चा की तरफ से आयोजित किया गया। इस समागम को दोपहर 12 बजे शुरू किया जाना था। प्रशासन ने किसानों की चेतावनी के मद्देनजर इलाके में पुलिस बल तैनात कर रखे थे लेकिन सी बीच सुरक्षा कर्मियों के सामने किसानों का झंडा लिए कुछ लोग समागम स्थल में पहुंचे व हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान मंच पर बैठे लोगों को नीचे उतारने के साथ वहा पड़ी कुर्सियों को उठाकर तोडऩा व इधर-उदर फैंकना शुरू कर दिया।
- हंगामे के बीच पुलिस पहले चुपचाप खड़ी देखती रही लेकिन जब भाजपा के वर्कर विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ खड़े हुए व सरकार व पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू की तो पुलिस कर्मी किसानों को समझाने के लिए आगे आए। भाजपा के जिला शहरी प्रधान विनोद कुमार बिंटा ने आरोप लगाया कि किसानों के नाम पर सत्ताधारी दल के नेता गंदी राजनीति खेल रहे हैं। किसानों के नाम पर कुछ लोग समागम स्थल में हंगामा करना शुरू कर दिया। इसदौरान कुछ लोगों ने उन पर ईट व पत्थर भी फैंके व लाठियों से वर्करों पर वार करने शुरू कर दिए। गुंडागर्दी का यह खेल करीब आधा घंटा पुलिस के सामने चलता रहा जिससे स्पष्ट होता है कि सत्ताधारी कांग्रेस राज्य में दहश्त का माहौल बना रही है व शहर के व्यापारियों व आम लोगों को परेशान करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि वह अपने घर में एक तरफ हाईकमान की तरफ से दिए प्रोग्राम को कर रहे थे व इस बात की जानकारी प्रशासन के पास भी दी गई लेकिन समागम शुरू होते ही पुलिस के सामने किसान नेता कहने वाले लोग वहां पहुंचे व उन्होंने गुंडागर्दी करना शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि पंजाब में लोकतंत्र व कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रही है। उनका समागम पूरी तरह से अटस बिहारी वाजपेयी जी को याद करने तक सीमित था व उन्होंने कभी किसानों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला इसके बावजूद
शांतिपूर्वक चल रहे समागम में गुंडागर्दी कर हंगामा किया गया जिसे भाजपा किसी बी हालत में सहन नहीं करेगी। विनोद कुमार, आशुतोष तिवारी, संदीप अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस अगर इस तरह के दहश्त फैलाने वाले लोगों को
आगे कर उन्हें डराने की कोशिश कर रही है तो वह उनकी गलत फहमी है। वह उनकी इस तरह की हरकतों से डरने वाले नहीं है व इसका डट कर विरोध किया जाएगा वही जरूरत पडऩे पर अदालत का सहारा भी लेंगे। मामले में भाजपा व किसानों ने एक दूसरे के खिलाफ आमने-सामने धरना लगा रखा है व खबर लिखे जाने तक स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी।