Theappealnews

विधायक सरूप चंद सिंगला ने डीएसपी बरी मामले में घेरा वित्त मंत्री, पुलिस की कारगुजारी पर उठाए सवाल, मांगी उच्च स्तरीय जांच

 

–मनप्रीत बादल द्वारा शहर में चलाए गुंडाराज और नशों के कारोबार का सच आ रहा है सामने: सरूप सिंगला

–मनप्रीत बादल ने अपने कारिंदे थानेदार भिट्टी द्वारा डीएसपी की आवाज चुप करवाने के लिए रची थी साजिश, हुआ पर्दाफाश

–अदालती आदेशों पर थानेदार भिट्टी और मददगारों पर हो पर्चा दर्ज, मनप्रीत बादल दें जवाब

–नशों के खिलाफ कार्यवाही करने का ढिंडोरा पीटने वाले मुख्य मंत्री और गृह मंत्री दें जवाब

अनिल कुमार, बठिंडा

शिरोमणी अकाली दल के पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला ने एक बार फिर पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को सवालों के घेरे में लिया है और पुलिस की कारगुजारी पर भी सवाल उठाए हैं। अब यह मामला 11 माह में 156 नशा स्मगलरों के खिलाफ केस दर्ज करने वाले एसटीएफ के डीएसपी गुरशरन सिंह को एक औरत द्वारा नाजायज केस में फंसाने के मामलों में अदालत की तरफ से डीएसपी गुरशरन सिंह को बाइज्जत बरी करने पर इस मामले का पूरा पर्दाफाश करते हुए डीएसपी को साजिश के अंतर्गत फंसाने के किए गए खुलासे के अंतर्गत डीएसपी को फंसाने वाले थाना सिविल लाईन के थानेदार रविंद्र सिंह भिट्टी और उनके मददगारों 2 महिला पुलिस मुलाजिमों के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करने की दीं गई हिदायतों से सामने आया है। पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला ने प्रैस बयान जारी करते हुए कहा कि जबसे बठिंडा शहर में वित्त मंत्री मनप्रीत बादल और उसका परिवार आया है, उस दिन से शहर में गुंडा राज, नशों का कारोबार, लोगों की लूट के मामले सामने आए हैं और वह शुरू से ही यह खुलासा करते रहे हैं कि नशों का कारोबार और लूट पाट वित्त मंत्री की शह के नीचे हो रहा है, अब वह सच सामने आने लग गए हैं कि कैसे वित्त मंत्री अपने कारिंदे थानेदार रविंद्र भिट्टी द्वारा नशों के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों की झूठे पर्चे दर्ज करवाकर आवाज दबा रहे हैं और खुद नशा तस्करों को शह देकर सरेआम नशों का कारोबार करवा रहे हैं, जिसका खुलासा एक नशा तस्कर रैंबो द्वारा भी किया गया, परंतु हैरानी की बात है कि इस मामले पर पुलिस के उच्चाधिकारियों की जुबान पूरी तरह बंद है, जिस कारण आज शहर में दहशत का माहौल बन रहा है, ऐसे मामलों के सामने आने से यह साबित हो गया है कि शहर बठिंडा के निवासी जो साफ सुथरी राजनीति को पसंद करते हैं, वित्त मंत्री और उसके साले जोजो ने कैसे गंदी राजनीति को रंगत दी है, जिसका खामियाजा ईमानदार अफसरों और गरीब लोगों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि डीएसपी गुरशरन सिंह एक साफ छवि के ईमानदार अफसर थे, जिन्होंने नशा तस्करों पर नकेल डालने के लिए बड़े कदम उठाए, इसी कारण वह डीएसपी, वित्त मंत्री और उसके कारिंदे थानेदार भिट्टी को चुभता था, क्योंकि यह उस औरत का घरवाला एएसआई खुद नशों का कारोबार करता था और इनको हफ्ता वसूली देता था, इसी करके साजिश के अंतर्गत डीएसपी को उक्त औरत ने नाजायज केस में फंसाया है। यह भी बताने योग्य है कि इस मामले में डीएसपी के रिश्तेदार पत्रकार कंवलजीत सिंह को अपनी जान भी गंवानी पड़ी, जिसके लिए थानेदार भिट्टी और वित्त मंत्री सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आज के हालातों में इंस्पेक्टर रैंक के इमानदार अफसरों को खुड्डे लाईन लगा कर मनप्रीत बादल ने अपने परिवार की सेवा करने वाले सिपाहियों को नियमों के उलट तरक्कियां देकर अंजान मुलाजिमों को बड़ी पोस्टों पर तैनात किया, जिस कारण आज लोगों का कानून से भी विश्वास उठ रहा है। पूर्व इंस्पेक्टर राजिंदर कुमार का मामला भी मुख्य सुर्खियों में है, कि कैसे राजनैतिक शह प्राप्ति के नीचे नशों के तस्करों को शह मिलती रही और अभी तक उस मामले का भी कोई सच सामने नहीं आ सका, जबकि नियमानुसार इंस्पेक्टर रैंक के अफसर ही थानेदार नियुक्त हो सकते हैं। सरूप सिंगला ने पंजाब के डीजीपी, गृह मंत्री और मुख्य मंत्री को सलाह दी कि वह वित्त मंत्री के गुंडा राज और नशों के कारोबार पर नकेल डालें और तुरंत वित्त मंत्री को बर्खास्त करके पर्चा दर्ज किया जाये और वित्त मंत्री के कारिंदे थानेदार को तुरंत गिरफ्तार करके पूछताछ की जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि उक्त सभी मामलो की जांच हाईकोर्ट के जज या सीबीआई से करवाई जाए, क्योंकि इनमें बहुत बड़े खुलासे होने हैं, कि कैसे एक वित्त मंत्री और उसके कारिंदा थानेदार नशों का कारोबार करके जवानी बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने यह भी मांग की कि पत्रकार कंवलजीत सिंह के आत्महत्या करने के मामले में भी रविन्द्र सिंह भिट्टी थानेदार पर भी पर्चा दर्ज किया जाए, क्यों कि उनकी इन ज्यादतियों करके ही जान गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस के उच्चाधिकारियों, जिनको वित्त मंत्री ने डरा धमका कर जुबान बंद रखने की हिदायतें दीं हैं, ने इस मामले पर सही कार्रवाई नहीं की तो शिरोमणी अकाली दल सड़कों पर उतरेगा और इनके चेहरे बेनकाब किए जाएंगे।

Exit mobile version