नीरज मंगला बठिडा : बढ़ती ठंड के साथ लोगों की तरफ से बरती जा रही लापरवाही के कारण का कोरोना की दूसरी लहर की दस्तक जानलेवा साबित होने लगी है। पिछले एक सप्ताह में 15 से ज्यादा कोरोना पाजिटिव मरीज दम तोड़ चुके है, वहीं स्कूल-कालेज खुलने के साथ ही जिले के शिक्षण संस्थानों के स्टाफ भी कोरोना की चपेट में आने लगे है। हालांकि, बठिडा जिले में किसी भी स्कूल या कालेज का विद्यार्थी कोरोना की चपेट में नहीं आया है, लेकिन स्कूल- कालेज से हररोज मिल रहे कोरोना पाजिटिव मिल रहे स्टाफ मेंबर व अध्यापकों ने शिक्षा विभाग के साथ-साथ सेहत विभाग की भी चिता बढ़ा दी है।
ऐसे में दोनों विभागों ने स्कूल कालेजों में कोरोना की सैंपलिग बढ़ाने का फैसला लिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा कोरोना मरीजों की पहचान की जा सके। इसके तहत जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के आदेश जारी किए है कि वह अपने पूरे स्टाफ मेंबर व टीचर के कोरोना टेस्ट करवाएं, वहीं जिला प्रशासन की तरफ से भी कालेज मैनेजमेंट को भी पत्र लिखकर अपने लेक्चरर व पूरे स्टाफ का कोरोना टेस्ट करवाना लाजिमी किया है। इसके लिए सेहत विभाग की तरफ से गठित मोबाइल टीमों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है, जोकि हररोज जिले के चार से पांच स्कूल व कालेज में जाकर वहां के स्टाफ व टीचरों के कोरोना टेस्ट कर रहे है। वहीं स्कूल प्रिसिपल व कालेज मैनेजमेंट को भी सख्ती से आदेश दिए गए है कि अगर कोई भी टीचर या स्टाफ मेंबर कोरोना टेस्ट करवाने से इंकार करता है, तो उसकी अलग से एक सूची तैयार की जाए, ताकि उनपर बनती कार्रवाई कर जा सके। फिलहाल सेहत विभाग पूर्व एक सप्ताह में 300 से ज्यादा कोरोना टेस्ट स्कूल व कालेजों से ले चुका है। इसमें 30 से ज्यादा पाजिटिव केस मिल चुके है।