भारत की मोदी सरकार किसानों पर ज़ुल्म कर रही है। यह सरकार औरंगजेब के बुरे व्यवहार की हद भी पार कर गई। दिल्ली में बहुत किसान मज़दूर नौजवान शहीद हो चुके हैं। मोदी सरकार के राज में अब हर वर्ग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है। जैसे सरकार किसानों के साथ धक्का करन रही है। उसी अनुसार हाथरस जैसे मुद्दे जहाँ एक गरीब परिवार की बेटी और अणमनुक्खी तसद्दद की हिमायत करनी, बेटी का रात को संस्कार करके बलातकारियें को सज़ा तो क्या देनी उन को सुरक्षा उपलभ्ध करवा रही है। यह गुंडा तंत्र वाली सरकार अपनों हरकता करके।
यदि किसान अपने हक मांगतो ने तो उन को आतंकवादी गरदान्या जाता है। जो कि एक निंदनीय बरताव है। प्रैस के साथ बातचीत दौरान परमवीर सिंह सूबा प्रधान कंप्यूटर अध्यापक समिति पंजाब ने इन शब्दा का दिखावा किया। उन्होंने आगे कहा कि हम पंजाब सरकार से भी बहुत पीडित हूँ जो कंप्यूटर अध्यापिका के साथ सौतेली माँ वाला सलूक कर रही है। उन्होंने घोड़ी बार्डर और जा कर भूख हड़ताल की शुरुआत की और हर रोज़ उन की संगठन का एक जुझारू साथी भूख हड़ताल और बैठेगा। उन्होंने इस समय जहाँ मानवता की भलाई के लिए अपना खूनदान किया उस समय अपने ख़ून के साथ पत्र और लिखकर अपनों सच्चा माँगों किसानों के तीन काले कानून रद्द करन और कंप्यूटर अध्यापकों को आधार शर्त शिक्षा विभाग में मर्ज़ सम्बन्धित रखा। इस समय उनके साथ जून सिंगला, जसविन्दर सिंह भुल्लर रोपड़, गुरप्रीत सिंह अमृतसर, खुशप्रीत सिंह बरनाला, अवतार सिंह लुधियाना, बलजिन्दर कुमार होशियारपुर, गुरबखश लाल बठिंडा, नवदीप सिंह अमृतसर, बलजीत सिंह पटियाला, राकेश सैनी पठानकोट, रवीन कमल पठानकोट, बलजीत सिद्धू पटियाला आदि उपस्थित थे।