30 अगस्त यानी आज का चांद बेहद खास है। आज फुल मून, सुपरमून और ब्लू मून तीनों एक साथ पड़ रहे हैं। इस खगोलीय घटना को ‘सुपर ब्लू मून’ कहा जाता है।
पृथ्वी के चारों ओर चांद एक अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाता है। इसलिए पृथ्वी और चांद के बीच की दूरी हर दिन बदलती रहती है। जब चांद पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूर होता है तो उसे एपोजी (Apogee) कहते हैं। जब चांद पृथ्वी के सबसे करीब होता है तो, उसे पेरिजी (Perigee) कहते हैं।
जब चांद पेरिजी यानी धरती के सबसे करीब हो और पूर्णिमा पड़ जाए, उसे ही सुपरमून कहा जाता है। 1979 में एस्ट्रोलॉजर रिचर्ड नोल ने पहली बार ‘सुपरमून’ शब्द का इस्तेमाल किया था।
सुपरमून के वक्त धरती से चांद 14% ज्यादा बड़ा और 30% ज्यादा चमकदार दिखाई देता है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि चांद की ना ही साइज बदलती है और ना ही चमक। पर उस दिन वह धरती के पास होता है तो उसके बड़े और चमकदार होने का एहसास होता है।
चांद की एक साइकिल 29.5 दिन की होती है। जब किसी एक कैलेंडर मंथ में दो बार पूर्णिमा पड़ जाए तो इसे ही ‘ब्लू मून’ कहा जाता है। जैसे- अगस्त 2023 में 1 तारीख को पूर्णिमा थी, अब 30 अगस्त को दूसरी पूर्णिमा पड़ रही है इसलिए इसे ब्लू मून कहा जा रहा है।
आम तौर पर ऐसा हर 2 से 3 साल में एक बार होता है। 30 अगस्त को फुल मून, सुपरमून और ब्लू मून तीनों पड़ रहे हैं, इसलिए इसे ‘सुपर ब्लू मून’ कहा जा रहा है।
ब्लू मून शब्द का चांद के कलर से कोई लेना-देना नहीं है। साल 1940 से ये चलन शुरू हुआ कि अगर एक ही महीने में दो फुल मून यानी पूर्णिमा पड़ती है तो दूसरे फुल मून को ब्लू मून कहा जाएगा। चूंकि इसी दिन सुपरमून भी है तो इस दिन चांद बड़ा और चमकदार दिखाई देगा, लेकिन नीला नहीं।
सुपर ब्लू मून देखने का सबसे सही समय सूर्यास्त के फौरन बाद होता है। इस समय यह सबसे सुंदर दिखता है। ब्रिटिश समर टाइम के मुताबिक लंदन में शाम के 8:08 बजे से लोग सुपर ब्लू मून देख पाएंगे। अमेरिका के न्यूयॉर्क में चांद का उदय ईस्टर्न डेलाइट टाइम के मुताबिक शाम के 7:45 बजे होगा।