एएसआई द्वारा बटोरी गई रिश्वत का डेढ़ वर्ष बाद हुआ खुल्लासा

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विजीलेंस ब्यूरो पटियाला रेंज पटियाला द्वारा की गई इन्वेस्टीगेशन के बाद किया मुकद्दमा दर्ज और आरोपी पुलिस का एएसआई गिरफ्तार

बरनाला, नीरज मंगला ।
जिला के रूड़ेकेकलां में अप्रैल 2019 के दौरान एक घटित मामले की शिकायत करने वाली एक महिला के पति से थाना में तैनात एएसआई द्वारा बटोरी गई तीन हजार रुपए की रिश्वत का खुल्लासा विजीलेंस ब्यूरो पटियाला रेंज पटियाला द्वारा की गई इन्वेस्टीगेशन के बाद हुआ है। चार माह पूर्व नामजद हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

घटनाक्रम की जानकारी देते विजीलेंस ब्यूरो यूनिट बरनाला के डीएसपी सुरिन्दरपाल बांसल ने बताया कि मुख्य निदेशक विजीलेंस ब्यूरो, पंजाब बी. के. उप्पल के दिशा निर्देशानुसार और सीनियर कप्तान पुलिस, विजीलेंस ब्यूरो, पटियाला रेंज पटियाला मनदीप सिंह सिद्धू, पी.पी.एस. द्वारा रिश्वतखोरी को जड़ से ख़त्म करने की मुहिम जारी है। जिसके चलते डेढ़ वर्ष पूर्व 18/4/2019 को जिला बरनाला के थाना रूड़ेकेकलां एरीया में एक घटना घटी थी। जिसमें गांव रूड़ेकेकलां की निवासी महिला हरप्रीत कौर पत्नि रणजीत सिंह उर्फ मक्खन सिंह ने पुलिस हेल्पलाईन नंबर 181 पर जिला मानसा के गाँव अकलिया निवासी परमजीत सिंह पुत्र भूपा सिंह, प्यारा कालोनी बरनाला निवासी सुखपाल कौर पत्नी मेजर सिंह और 3 अन्य के खिलाफ ऑनलाईन शिकायत की थी। जिसकी जांच थाना रूड़ेकेकलां में तैनात एएसआई बलदेव सिंह को सौंपी गई थी।

अगले दिन रणजीत सिंह अपने साथी नाजर सिंह उर्फ नाजा के साथ थाना रुड़ेकेकलां पहुंचा और मामले की जांच कर रहे ए.एस.आई. बलदेव सिंह से जैसे ही अपनी पत्नी द्वारा की गई शिकायत के आधार पर की जा रही कार्यवाही के बारे में पूछा। तो ए.ऐस.आई. बलदेव सिंह ने शिकायत की पैरवी करने तथा तेल का खर्च होने के लिए 15,000/रुपए की मांग की। रणजीत सिंह ने आरोप लगाया कि उस समय उसके पास मात्र 3000/रुपए थे,जो उसने नाजर सिंह की मौजूदगी में ए.ऐस.आई. बलदेव सिंह को दे दिए। अगले दिन जब उसे पता लगा कि कार्यवाई तो विरोधी पक्ष में हो रही है तो रणजीत सिंह ने शिकायत का स्टेटस जाननेन के लिए ए.ऐस.आई. के साथ फोन पर बातचीत की। जिसमें ए.ऐस.आई. बलदेव सिंह ने कहा कि उसने रिपोर्ट जिला पुलिस मुखी के दफ्तर भेज दी है। जिसपर रणजीत सिंह ने अपने 3000/रुपए वापिस करने के लिए कहा तो ए.ऐस.आई. बलदेव सिंह ने झट से बोल दिया कि रकम जब मर्जी आकर ले जाना। यह बात रणजीत सिंह ने मोबाईल फोन पर रिकार्डिंग कर ली।

रणजीत सिंह ने ठान ली थी कि वह एएसआई को सबक सिखाकर ही दम लेगा। उसने विजीलेंस विभाग का दरवाजा खटखटाया और एएसआई से हुई बातचीत की रिकार्डिंग विभाग को दी। विजीलेंस विभाग द्वारा गहराई में जाकर जांच की जिसमें एएसआई बलदेव सिंह को दोषी माना गया। उसके खिलाफ रिश्वतखोरी एवं भ्रष्टाचार की धाराओं के अधीन मुकद्दमा दर्ज किया। जिसे मंगलवार को गिरफ्तार किया गया।

विजीलेंस ब्यूरो यूनिट बरनाला के डीएसपी सुरिन्दरपाल बांसल का कहना है कि रिश्वतखोरी पर लगाम कसने के लिए यदि लोग आगे आएँगे तो विजीलेंस उन्हें हर कदम पर सहयोग देगी।

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