एसएमएस : पहली बार वर्चुअल रूप में होगा 73वां वार्षिक निरंकारी संत समागम।

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‘स्थिरता‘ विष्य को लेकर 5 से 7 दिसंबर तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय निरंकारी संत समागम को ऑनलाइन माध्यम द्वारा घर बैठे देख सकेंगे विश्वभर के श्रद्धालु

नीरज मंगला , बरनाला।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर भारत सरकार द्वारा जारी किए गये दिशा-निर्देशों (सैनेटाईजर, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग -एसएमएस) के मद्देनजर निरंकारी मिश्न द्वारा वार्षिक संत समागम पहली बार वर्चुअल रूप में मनाया जाएगा। जिसे विश्वभर के श्रद्धालु ऑनलाइन माध्यम द्वारा घर बैठे देख सकेंगे। इस बार होने वाला तीन दिवसीय 73वां निरंकारी संत समागम ‘स्थिरता‘ विष्य पर आधारित होगा। जो 5 दिसंबर से शुरु होगा और 7 दिसंबर तक जारी रहेगा।
निरंकारी मिश्न के शाखा संजोयक जीवन गोयल ने बताया कि निरंकारी मिश्न के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि वार्षिक निरंकारी संत समागम वर्चुअल रूप में आयोजित किया जाएगा। संपूर्ण समागम का सीधा वर्चुअल प्रसारण मिशन की वेबसाईट पर प्रस्तुत किया जायेगा। इसके अतिरिक्त संस्कार टी.वी. चैनल पर भी यह समागम तीनों दिन सायं 5.30 से रात्रि 9.00 बजे तक प्रसारित किया जायेगा।

संत निरंकारी मिश्न की सद्गुरु माता सुदीक्षा जी कहती हैं कि आध्यात्मिक जागरूकता के माध्यम से विश्व में सत्य, प्रेम, एकत्व का संदेश दे रहा है। जिस प्रकार प्रभु परमात्मा स्थिर है और संसार में अन्य सभी कुछ गतिशील, अस्थिर व परिवर्तनशील है तो जो स्थिर है उसके साथ जुडक़र स्थिरता प्राप्त की जा सकती है। आजकल के आधुनिक परिवेश में, जहाँ संसार गतिमान होने के साथ साथ, कहीं ना कहीं अस्थिर भी होता जा रहा है, मानव मन को आध्यात्मिक रूप से स्थिर होने की परम आवश्यकता है। सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने स्थिरता की परिभाषा बताते कहा है

कि जिस वृक्ष की जड़ें मजबूत होती है वह हमेशा स्थिर रहता है। तेज हवाएं और आंधियां चाहे कितनी भी हो पर अगर वृक्ष अपने मूल रूप जड़ों से जुड़ाव रखता है तो उसकी स्थिरता बनी रहती है। इसी प्रकार जिस मुनष्य ने ब्रह्मज्ञान प्राप्त करके अपना नाता इस मूल रूप निरंकार से सदैव जोड़े रखा है उसके जीवन में जैसी भी परिस्थितियाँ हों तो वह निरंकार प्रभु का सहारा लेकर स्थिरता को प्राप्त कर लेता है।

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