चंडीगढ़
पंजाब में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद कांग्रेस नेता एक बार फिर आमने-सामने हैं। यह मामला उस बिंदु तक बढ़ गया है जहां आने वाले दिनों में एक बड़ा विस्फोट हो सकता है। फिलहाल यह मामला सोनिया गांधी के दरबार तक पहुंच गया है।
इस बारे में कांग्रेस सांसद श्री प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष श्री सुनील जाखड़ को यह समझना चाहिए कि यह मुख्यमंत्री की नीतियों के कारण था कि जहरीली शराब ने कई लोगों की जान ले ली। इसके कारण उन्हें राज्यपाल के साथ इस मुद्दे को उठाना पड़ा। पहले तो ऐसा लग रहा था कि केवल कैप्टन ही पंजाब और पंजाब कांग्रेस को नष्ट करने की राह पर हैं। उन्होंने कहा कि जाखड़ के रवैये से स्पष्ट है कि वह भी मुख्यमंत्री की छाया थे।
दुलो ने राज्य अध्यक्ष द्वारा की गई कार्रवाई की सिफारिशों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है। दुलो ने कहा कि वह कड़ी मेहनत के साथ इस पद पर पहुंचे हैं जबकि सुनील जाखड़ अपने पिता बलराम जाखड़ के कारण पद संभाल रहे हैं। डुल्लो ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता जानना चाहते हैं। जाखड़ ने राष्ट्रपति होने का धर्म कब निभाया? क्या वे ड्रग, केबल, परिवहन और शराब माफिया से जुड़े होने के कारण चुप हैं?
सुनील जाखड़ को शमशेर दुलो का तीखा जवाब, बड़ा सवाल
सुनील जाखड़ और प्रताप सिंह बाजवा शुरू से ही शीर्ष व्यक्ति रहे हैं। 2012 से सुनील जाखड़ कांग्रेस विधायक दल के नेता थे और प्रताप सिंह बाजवा को राज्य कांग्रेस की बागडोर सौंपने के बाद से दोनों नेताओं के बीच तनाव चल रहा था।
अब, एक बार फिर, जहरीली शराब के मुद्दे पर दोनों के बीच कड़वाहट स्पष्ट हो गई है। उधर, शमशेर सिंह दुलो ने भी जाखड़ को जवाब देने से परहेज किया है।