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कांग्रेस या आजाद: पूर्व विधायक हरमंदर जस्सी बठिंडा से भर सकते हैं हुंकार !

कांग्रेस पार्टी की 2 विधानसभा सीटों में फेरबदल के आसार

बठिंडा, धीरज गर्ग 

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 का आगाज होते ही राजनीतिक पार्टियों द्वारा पंजाब में सरकार बनाने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। जहां नामांकन का दौर शुरू हो चुका है, वहीं कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी द्वारा अभी तक पूरे उम्मीदवार नहीं उतारे गए हैं। इस बीच चर्चा का बाजार यह भी गर्म है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा अब तक उतारे गए उम्मीदवारों में से 2 विधानसभा सीटों में फेरबदल किया जा सकता है। यहां बात करें विधानसभा हलका बठिंडा शहरी की, तो यहां से कांग्रेस पार्टी द्वारा वित्त मंत्री तथा विधायक मनप्रीत सिंह बादल को मैदान में उतारा गया है, जिनके सामने शिरोमणी अकाली दल-बसपा गठबंधन द्वारा सरूप चंद सिंगला, आम आदमी पार्टी द्वारा जगरूप सिंह गिल व भाजपा-पंजाब लोक कांग्रेस द्वारा राज नंबरदार को मैदान में उतारा गया है। बठिंडा विधानसभा शहरी में समीकरण इस बार बदलते हुए नजर आ रहे हैं, क्योंकि जहां एक तरफ शिरोमणी अकाली दल-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार तथा पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला को कांग्रेस पार्टी के ही 3 उम्मीदवारों द्वारा टक्कर दी जा रही है, जबकि मनप्रीत सिंह बादल को भी नजर आ रहा है कि इस बार कांग्रेस पार्टी की वोटें 3 हिस्सों में बंट जाएगी, जिसका कारण कांग्रेस पार्टी से बागी होकर आम आदमी पार्टी की तरफ से जगरूप सिंह गिल तथा भाजपा-पंजाब लोक कांग्रेस-संयुक्त अकाली दल गठबंधन की तरफ से राज नंबरदार का मैदान में उतरना है, जो कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेताओं में शुमार थे तथा कांग्रेस पार्टी की वोटों में उक्त दोनों ही उम्मीदवार बड़ी सेंध लगा सकते हैं। इस बीच सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी द्वारा उतारे गए उम्मीदवारों में से 2 सीटों में फेरबदल किया जा सकता है तथा चर्चा यह भी चल रही है कि पूर्व मंत्री हरमंदर सिंह जस्सी बठिंडा शहरी से उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि वह विधानसभा हलका तलवंडी साबो से आजाद चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं और उनके द्वारा प्रचार भी किया जा रहा है, परंतु पिछले 24 घंटे के अंतराल में कयास लगाए जा रहे हैं कि हरमंदर सिंह जस्सी कि कांग्रेस हाईकमान के साथ टिकट को लेकर चर्चा चल रही है और जल्द ही उनको कांग्रेस पार्टी द्वारा टिकट देकर मैदान में उतारा जाएगा। एक चर्चा तो यह भी चल रही है कि हो सकता है हरमंदर जस्सी आजाद तौर पर भी बठिंडा शहरी हलके से चुनाव मैदान में उतरें और अगर ऐसा होता है तो मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। पंजाब भर में सबकी नजरें विधानसभा हलका बठिंडा शहरी सीट पर पहले से ही टिकी हुई है, जो हॉट सीट के तौर पर उभर कर सामने आई है तथा हरमंदर जस्सी के मैदान में उतरने के बाद यह सीट सर्व हॉट सीट साबित हो सकती है।

डेरा सच्चा सौदा प्रेमियों में पूर्व विधायक हरमंदर जस्सी की है मजबूत पकड़
यहां यह बताना भी जरूरी है कि पूर्व मंत्री हरमंदर सिंह जस्सी का पंजाब की राजनीति में एक बड़ा कद है और वह डेरा सच्चा सौदा मुखी के समधी भी हैं और इस कारण उनकी डेरा प्रेमियों में अच्छी पकड़ भी है तथा कांग्रेस पार्टी, वोट बैंक का गणित लगाकर ही जस्सी को नजरंदाज नहीं कर सकती। कांग्रेस हाईकमान को लगता है कि अगर पूर्व मंत्री हरमंदर जस्सी को नजरंदाज किया गया, तो वह आजाद उम्मीदवार के तौर पर अपनी हुंकार भरेंगे और कांग्रेस पार्टी को काफी हद तक नुकसान पहुंचाएंगे। पूर्व मंत्री हरमंदर सिंह जस्सी के आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने से कांग्रेस को नुकसान होने की आशंका दिखाई दे रही है तथा कांग्रेस हाईकमान को लगता है कि अगर जस्सी आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरते हैं, तो वह पंजाब भर में डेरा प्रेमियों की वोटों का ध्रुवीकरण कर सकते हैं, जिसका नुकसान कांग्रेस पार्टी को बड़े स्तर पर हो सकता है। यही कारण है कि हरमंदर सिंह जस्सी को कांग्रेस पार्टी द्वारा मैदान में उतारने की तैयारी की जा रही है और सूत्रों का कहना है कि अगर हरमंदर सिंह जस्सी, कांग्रेस पार्टी की तरफ से मैदान में उतरते हैं, तो पहले से घोषित किए गए उम्मीदवारों को दूसरी सीट पर भेजा जा सकता है। चर्चा का बाजार गर्म है कि वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल का हलका बदला जा सकता है, परंतु जिस हिसाब से मनप्रीत बादल परिवार द्वारा धुआंधार प्रचार बठिंडा सीट से किया जा रहा है, उससे उनका हलका बदले जाना संभव नहीं है।

कांग्रेस पार्टी के वोटों का ध्रुवीकरण तथा नीचले स्तर पर लोगों के नजरंदाज करना बठिंडा शहरी से कांग्रेस के लिए घातक
विधानसभा चुनावों को देखते हुए बठिंडा शहरी सीट से करवाए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि वित्त मंत्री तथा बठिंडा शहरी से विधायक मनप्रीत सिंह बादल का नीचले स्तर पर लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। मनप्रीत सिंह बादल को जहां कांग्रेस के ही बागी राज नंबरदार तथा जगरूप सिंह गिल द्वारा टक्कर दी जा रही है, वहीं उक्त दोनों के ही मैदान में उतरने से कांग्रेस पार्टी के वोटों का ध्रुवीकरण तीन हिस्सों में होता नजर आ रहा है। पे कमीशन को लेकर जहां कर्मचारी वर्ग द्वारा मनप्रीत सिंह बादल के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है, वहीं कांग्रेस पार्टी तथा खुद वित्त मंत्री टीम को भी एहसास हो रहा है कि कहीं ना कहीं कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे विरोध का उन्हें चुनाव में नुकसान होगा। नीचले स्तर के लोगों का कहना है कि मनप्रीत सिंह बादल द्वारा उनके जरूरी कार्य नहीं करवाए गए और इसका खामियाजा वह मतदान वाले दिन कांग्रेस पार्टी को भुगतने के लिए मजबूर करेंगे। कांग्रेस पार्टी का बठिंडा शहरी से विरोध इस बात का भी हो रहा है कि वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल द्वारा पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान उद्योग लगाने तथा रोजगार देने संबंधी किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया गया।

 

वित्त मंत्री व उनका पूरा परिवार कर रहा जी तोड़ मेहनत, सरूप चंद सिंगला परिवार भी नहीं है पीछे
यहां गौर करने वाली बात यह है कि विधानसभा चुनाव जीतने के लिए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल तथा उनका पूरा परिवार दिन-रात जी जान से मेहनत कर रहा है और इस मेहनत का फल मिलने कि उन्हें उम्मीद भी है, वहीं दूसरी तरफ पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला तथा उनके परिवार द्वारा भी 24 घंटे की जा रही मेहनत किसी से छिपी नहीं है। चर्चा का बाजार गर्म है कि परिवारों सहित मेहनत करने वाले उक्त दोनों उम्मीदवारों के मध्य ही बठिंडा शहरी सीट से कांटे की टक्कर होने की संभावना है, जबकि दूसरी तरफ जगरूप सिंह गिल और राज नंबरदार द्वारा अपने परिवारों सहित अभी तक आम जनता से राफ्ता कायम नहीं किया गया है।

हिंदू वोटों का पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला को होगा भरपूर फायदा
जमीनी स्तर पर किए गए सर्वे में सामने आया है कि अगर भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपने ही कैडर से किसी उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाता, तो वह भाजपा वर्करों सहित आम हिंदू मतदाताओं को भी अपने हक में भुगतान करवा सकता था, परंतु भाजपा द्वारा उक्त सीट से गठबंधन धर्म के तहत पंजाब लोक कांग्रेस के उम्मीदवार राज नंबरदार को मैदान में उतारा गया, जो भाजपा कैडर से संबंधित नेताओं को अंदर खाते हजम नहीं हो रहा। सूत्रों से यह भी पता चला है कि भाजपा के कई नेता अंदर खाते राज नंबरदार का विरोध कर रहे हैं, वहीं जमीनी स्तर से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा और हिंदू मतदाताओं द्वारा राज नंबरदार के हक में वोटों का भुगतान नहीं किया जाएगा और पहले से ही जुड़े होने के कारण वह सरूप चंद सिंगला के हक में मतदान करेंगे और अगर ऐसा होता है तो यह सरूप चंद सिंगला के लिए लाभदायक साबित होगा। यहां यह बात बतानी भी जरूरी है कि भाजपा-पंजाब लोक कांग्रेस उम्मीदवार के साथ मैदान में उतरे भाजपा कैडर के कई नेताओं द्वारा अंदर खाते सरूप चंद सिंगला के हक में प्रचार किया जा रहा है।

वित्त मंत्री के साथ चलने वाले कई कांग्रेसी भी अंदर खाते कर रहे बगावत
सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के साथ चलने वाले कई टकसाली कांग्रेसियों द्वारा भी अंदर खाते बगावत की जा रही है, क्योंकि उक्त कांग्रेसियों का कहना है कि पूरे 5 वर्ष तक हलका बठिंडा शहरी में उनकी कोई सुनवाई नहीं की गई तथा एक अलग ही टीम उन पर थोप दी गई, जिस कारण वह पूरे 5 साल जलालत का ही सामना करते रहे और अब उन्हें 5 साल बाद मौका मिला है तथा वह इस मौके को भुनाने के लिए भरपूर प्रयास करेंगे।

सहयोगी विधायकों द्वारा भी वित्त मंत्री के खिलाफ करवाया जा रहा प्रचार
यहां यह बताना भी जरूरी है कि वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल का मुकाबला अकेले शिरोमणी अकाली दल-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार सरूप चंद सिंगला से ही नहीं, बल्कि कई उनके सहयोगी विधायक भी ऐसे हैं जो वित्त मंत्री से मुकाबला कर रहे हैं और उन्हें हरवाने के लिए पूरी तरह लॉबिंग की जा रही है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि मनप्रीत सिंह बादल को हरवाने के लिए जहां जगरूप सिंह गिल तथा राज नंबरदार द्वारा राजनीतिक पार्टियों के सहयोग से मैदान में उतर कर खुलेआम बगावत की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के समर्थकों द्वारा भी वित्त मंत्री के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के देहाती से एक नेता द्वारा भी अंदर खाते वित्त मंत्री के खिलाफ प्रचार करवाया जा रहा है और यह नेता कोई और नहीं बल्कि किसी समय वित्त मंत्री के नजदीकी नेताओं में शुमार रहे हैं और अब वह विधानसभा हलका बठिंडा देहाती से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार भी हैं। जी हां! यह नेता हरविंदर सिंह लाडी हैं, जिनके द्वारा कई बार खुलेआम वित्तमंत्री का विरोध किया गया था। चर्चा का बाजार तो यह भी गर्म है कि वित्त मंत्री के खिलाफ हलका तलवंडी साबो के एक सीनियर नेता द्वारा भी प्रचार किया जा रहा है। इस तरह वित्तमंत्री को उक्त सीट हरवाने के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा ही अंदर खाते लॉबिंग की जा रही है, जो वित्त मंत्री के लिए घातक साबित हो सकती हैं।

चुनाव लड़ने में कुशल रणनीति बनाते हैं मनप्रीत सिंह बादल
यहां यह बताना भी जरूरी है कि वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, सियासत के मंजे हुए खिलाड़ी हैं, जिन्हें राजनीति की शिक्षा पंजाब के पांच बार के मुख्यमंत्री, सियासत के बाबा बोहड़ तथा वित्त मंत्री के ताया जी प्रकाश सिंह बादल द्वारा प्राप्त हुई है और यही कारण है कि वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, चुनाव लड़ने में माहिर हैं तथा कुशल रणनीति बनाते हैं। यह उनकी कुशल राजनीति है, जो पिछले 5 साल विरोधी पार्टियों द्वारा बठिंडा शहर बाबत पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए तथा उनसे पूछे गए सवालों के जवाब उनके रिश्तेदार जैजीत सिंह जौहल जोजो द्वारा ही दिए जाते रहे हैं। कहीं ना कहीं आम जनता को यह मलाल भी है कि वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को उन्होंने विजेता बनाकर विधानसभा में भेजा और पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला को भी वोट देकर उन्हें उन्होंने विपक्षी नेता का रुतबा दिया, इसलिए पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला द्वारा पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब मनप्रीत सिंह बादल द्वारा ना देना कहीं ना कहीं बठिंडा के वोटरों का अपमान ही है। बेशक जो भी हो यह तो समय ही बताएगा कि भविष्य के गर्भ में क्या होने वाला है, परंतु वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल अपने परिवार और टीम सहित जी जान से बठिंडा सीट जीतने के लिए मेहनत कर रहे हैं।

जस्सी के मैदान में आने से बठिंडा शहरी में बदलेंगे पूरी तरह से समीकरण
जैसा कि चर्चा का बाजार गर्म है कि बठिंडा शहरी सीट से हरमंदर सिंह जस्सी आजाद उम्मीदवार या कांग्रेस पार्टी की तरफ से मैदान में उतर सकते हैं, तो समीकरण बदलने के पूरे आसार हैं। राजनीतिक माहिरों का मानना है कि अगर जस्सी आजाद तौर पर मैदान में उतरते हैं, तो कांग्रेस पार्टी के वोटों का ध्रुवीकरण चार भागों में हो जाएगा, वहीं डेरा प्रेमियों की वोट जस्सी अपने हक में भुगतवा सकते हैं। जिसका मनप्रीत सिंह बादल को बहुत भारी नुकसान होगा। अगर जस्सी द्वारा कांग्रेस की टिकट पर मैदान में उतरा जाता है, तो कांग्रेस के वोटों का ध्रुवीकरण 3 हिस्सों में होगा ही, परंतु डेरा प्रेमियों की वोट एकजुट हरमंदर जस्सी के हक में भुगतने की पूरी संभावना होगी।

राजनीति में कुछ भी संभव हो सकता है, जल्द खोलेंगे पत्ते: हरमंदर जस्सी
बठिंडा से चुनाव लड़ने बाबत व पूर्व मंत्री वह कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता हरमंदर सिंह जस्सी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ भी संभव हो सकता है तथा वह बठिंडा से या किसी अन्य स्थान से चुनाव लड़ने बाबत अपने शुभचिंतकों से सलाह मशविरा कर रहे हैं और जल्द ही इसका खुलासा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने, ना लड़ने तथा कौन सी सीट से लड़ने हैं बाबत जल्द ही उनके द्वारा पत्ते खोले जाएंगे।

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