संगरूर/बरनाला

पंजाब के किसानों पर एक बार फिर कुदरत का कहर बरसा है। पंजाब में हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की पकी हुई गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है। फसलों में ओलावृष्टि और बारिश पड़ने से पानी इकट्ठा हो गया है। कुदरत की मार के आगे गेहूं की फसल को किसान बचा नहीं सका। बारिश के कारण गेहूं की सारी फसल जमीन पर पड़ी हुई है और बिल्कुल खराब हो चुकी है।

इस अवसर पर किसानों ने कहा कि बेमौसमी बरसात ने उनकी सारी फसल खराब कर दी है। इसलिए  वह पंजाब सरकार से मांग करते हैं कि वह उन्हें अधिक से अधिक मुआवजा दे। किसानों ने बताया कि गेहूं के साथ-साथ आलू की फसल को भी बारिश के कारण काफी नुकसान पहुंचा है।

पंजाब सहित पड़ोसी राज्यों में भी इस बार मौसम बार-बार करवट ले रहा है। एक-दो दिन तीखी धूप खिलने के बाद जहां पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने लगती है, वहीं मैदानी इलाकों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हो रही है। इस बार फिर पश्चिमी चक्रवात के 10 मार्च को सक्रिय होने से पंजाब, हरियाणा और चण्डीगढ़ में मौसम का मिजाज बदल रहा है।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने राज्य में बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए विशेष गिरदावरी हिदायतें जारी कर दी हैं। पिछले 2-3 दिनों से हो रही बारिश से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा, जिस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत कदम उठाते हुए विशेष गिरदावरी के आदेश जारी किए।

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