मोगा
मोगा के गांव कोट इसेखां में 24 नवंबर को 13 वर्षीय लड़की अनामिका की बाथरूम में गैस गीजर की गैस चढ़ने से मौत हो गई। यह घटना पहली नहीं है। इस तरह की कई घटनाएं पंजाब सहित देशभर में हो चुकी हैं। बावजूद इसके लोगों का गैस गीजर के प्रति रुझान कम नहीं हुआ है। यही कारण है कि मार्केट में भी इसकी बिक्री जारी है। जबकि स्वास्थ्य की दृष्टि से गैस गीजर खतरे से खाली नहीं है।
दरअसल बाथरूम में गैस गीजर साउंड के इस्तेमाल के दौरान दरवाजा बंद होने के बाद कार्बन मोनोऑक्साइड गैस पैदा होती है। इस दौरान बाथरूम से हवा की निकासी ना होने के चलते इसके साथ ही ऑक्सीजन लेवल एकदम से गिर जाता है। जिससे बाथरूम में नहा रहे लोगों का दम घुटने से सांसे थम जाती है।
देखते ही देखते घुट जाता है दम
इस बारे में डॉ रमेश कंबोज बताते हैं कि बंद बाथरूम में गैस गीजर के इस्तेमाल के दौरान कार्बन मोनोऑक्साइड गैस पैदा हो जाती है। शुरुआत में इसकी गंध अधिक महसूस नहीं होती। लेकिन देखते ही देखते इससे दम घुटने लगता है, जिसके परिणाम स्वरूप शरीर पूरी तरह से असहाय होकर रह जाता है।
बाथरूम के बाहर लगाएं गैस गीजर
इस बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉक्टर सुरजीत कौर मदान बताती है कि गैस गीजर बाथरूम के बाहर लगाना चाहिए। बाथरूम के अंदर केवल गीजर से सप्लाई हो रहे पानी की पाइप ही होनी चाहिए। इसके अलावा अगर ऐसा संभव नहीं है तो बाथरूम में हवा की निकासी के लिए पूरा प्रबंध जरूरी है। नहाते समय हवा की निकासी के लिए बनाए गए खिड़की को खुला रखना चाहिए।