जिला सेहत विभाग ने अवैध तौर पर चल रहे नशा छुड़ाओं केंद्र पर छापामारी कर सील किया, 20 मरीजों को अवैध तौर पर रखा गया था केंद्र में

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बठिंडा धीरज गर्ग । शनिवार को जिला सेहत विभाग ने अवैध तौर पर चल रहे एक नशा छुड़ाओं केंद्र पर छापामारी कर उसे सील कर दिया। इस केंद्र में करीब 20 मरीजों को दाखिल किया गया था व जबरदस्ती नियमों के विपरित उन्हें बंधक बनाकर रखा गया था। इस केंद्र को संचालित करने संबंधी भी संबंधित विभाग से किसी तरह की अनुमति हासिल नहीं की गई थी। केंद्र के संचालक आसपास
के ग्रामीण इलाकों से लोगों को नशा छोडऩे के नाम पर इन केंद्रों में लेकर आते थे व उनसे नशा छुड़वाने के नाम पर मोटी राशि वसूल की जा रही थी। मामले में सेहत विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पंजाब सरकार लोगों को सेहत सुविधा देने के मामले में गंभीर है और पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। पुलिस जहां बड़े पैमाने पर नशे के खिलाफ लड़ाई
लड़ रही है, वहीं स्वास्थ्य विभाग भी नशे के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। लेकिन कुछ असामाजिक गलत तत्व जो इस अभियान का नाजायज फायदा उठा रहे हैं। डीसी बठिंडा व उपाध्यक्ष जिला डी-एडिक्शन एंड रिहैबिलिटेशन सोसाइटी शौकत अहमद परे और डॉ. तेजवंत सिंह ढिल्लों, सिविल सर्जन बठिंडा, डॉ. अरुण बंसल, मनोचिकित्सक, सिविल अस्पताल बठिंडा, सह नोडल अधिकारी डॉ. अरुण बंसल के दिशा-निर्देशों पर जिले में चल रहे इस तरह के अवैध सेंटरों के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही थी। इसी कड़ी के अनुसार प्राप्त जानकारी पर एक टीम का गठन किया गया था। इस टीम ने नशामुक्ति केंद्र कोठे महासिंह वाले महाराज में चल रहे एक अनाधिकृत पुनर्वास केंद्र पर छापा मारा । इस टीम में डॉ. हरिंदर सिंह वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी रामपुरा, ओम प्रकाश एसडीएम, सुखबीर सिंह तहसीलदार, व अमित कुमार शामिल थे। इस सेंटर में 20 मरीजों को जबरन नशा छुड़ाने के आरोप में बंदी बनाकर रखा गया था। जिन्हें सरकारी परामर्श एवं पुनर्वास केंद्र, सरकारी अस्पताल बठिंडा में शिफ्ट किया गया है। इस केंद्र के 10 कर्मचारियों को पुलिस ने केस दर्ज कर हिरासत में भेज दिया गया है। वही केंद्र का संचालन
कर रहे मालिक रणजीत सिंह अभी फरार है। वहीं केंद्र को सील कर वहां रखा साजों सामान भी कब्जे में लेकर जांच की जा रही है।

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