नाभा । पटियाला जिले के नाभा शहर के रोहटा में मई, जून और जुलाई में नाबालिग समेत 3 लोगों की नशे से मौत के बाद 15 युवाओं ने अच्छी पहल की है। गांव को नशे के दलदल से निकालने के लिए एक ग्रुप पुलांग (छलांग) वन होप बनाकर खेल गतिविधियां शुरू की गई हैं। ग्रुप के सदस्य घर-घर जाकर युवाओं को नशे से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करके उन्हें खेलों से जोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में युवाओं ने 14 दिन की तैयारी के बाद शनिवार को मैराथन कराया। इसमें टॉप थ्री पोजीशन पर आने वालों को देसी घी-दूध और फ्रूट का डिब्बा गिफ्ट किया गया। यूथ क्लब के प्रधान और ग्रुप के 30 वर्षीय सदस्य गुरप्रीत गुरी ने बताया कि जिन 3 लोगों की नशे से जान गई, उनमें से दो दोस्त थे। क्लब के सदस्य थे। एक नाबालिग था। इनका असमय जाना दिमाग से निकल नहीं रहा था। चिंता थी कि ऐसे तो किसी की भी मौत हो सकती है। विचार यही आया कि जो चले गए उन्हें वापस नहीं ला सकते, पर आगे किसी को ऐसे नहीं जाने देंगे। गांव में करीब आधा दर्जन से अधिक युवा ऐसे हैं जो कि नशा करते हैं। ये उन्हें बचाने की कोशिश है। 14 दिनों तक गांव के युवाओं को खेलों की सिखलाई करवाई, फिर 19 अगस्त शनिवार को पहली मैराथन का आयोजन किया गया। सुबह साढ़े 6 से 8 बजे तक मैराथन में 16 युवक शामिल हुए। टॉप थ्री पोजीशन पाने वाले युवाओं को एक और आधा-आधा किलो देसी घी देकर सम्मानित किया गया। हिस्सा लेने वालों को दूध और फ्रूट दिए गए। सभी युवाओं को नशे से होने वाले सामाजिक और व्यक्तिगत नुकसान के बारे में भी बताया गया। युवाओं को शपथ दिलाई गई कि वे न नशा करेंगे और न ही अपने आसपास किसी को करने देंगे।
यूथ क्लब के उप प्रधान रणधीर सिंह, एडवोकेट हर भगवान दास, लखविंदर लकी, अमरदीप सिंह, लखविंदर सिंह, बलजिंदर सिंह, जगजीत सिंह, कुलवंत सिंह, रणजोध सिंह, हसन प्रीत सिंह, कुलदीप सिंह छिन्ना, स्वर्ण सिंह, करमजीत सिंह, शरणजीत सिंह के साथ मिलकर निर्णय लिया गया है कि नशे की लत में फंसे गांव के नौजवानों का परिजनों से बात कर सही इलाज करवाया जाएगा। पड़ोस के गांव में चलाए जा रहे यूथ क्लब व संगठनों से बात करके उन गांव के नौजवानों को भी इस मैराथन से जोड़ने की कोशिश करेंगे, जिससे नशे को हर गांव से खत्म किया जा सके।