दीक्षांत समारोह में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल, पद्म भूषण डॉ. विजय भटकर, डॉ. हरजीत सिंह सभरवाल और डॉ. जसपिंदर नरूला को संबंधित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम के दौरान भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को 864 पीजी/पीएचडी उपाधियाँ प्रदान की गईं।
बठिंडा, धीरज गर्ग
भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द मंगलवार को पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के नवम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर जगबीर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में कुल 864 भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को पीजी/पीएचडी. उपाधियाँ प्रदान की गईं।
इस कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने 4 प्रतिष्ठित व्यक्तियों को उनके संबंधित क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान हेतु मानद उपाधि से सम्मानित किया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और कीर्ति चक्र पुरस्कार विजेता श्री अजीत डोभाल को मां भारती के वीर सपूत के रूप में राष्ट्र के प्रति की निस्वार्थ सेवा करने हेतु डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (डी.लिट.) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। भारत के प्रथम सुपर कंप्यूटर ‘परम’ के वास्तुकार डॉ. विजय भटकर को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि (डी.एससी.) से सम्मानित किया गया। प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. हरजीत सिंह सभरवाल को स्वास्थ्य देखभाल और मानवता की सेवाओं में उनके परोपकारी कार्यों के लिए डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (डी.लिट.) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। प्रशंसित गायक डॉ. जसपिंदर नरूला को भक्तिपूर्ण पंजाबी संगीत को बढ़ावा देने के लिए डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
सभी प्रतिष्ठित हस्तियों ने मानद उपाधि प्रदान करने के लिए पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रति आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल ने डिग्री प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी और युवाओं को राष्ट्र के विकास और समृद्धि में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।
मुख्य अतिथि एवं भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने विभिन्न विषयों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 45 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। उन्होंने महिला छात्रों के पुरुष छात्रों द्वारा अर्जित किए 17 स्वर्ण पदकों की तुलना में 28 स्वर्ण पदक जितने पर विशेष रूप से महिला छात्रों की प्रशंसा की। उन्होंने युवाओं से मानद उपाधि प्राप्त करने वाले चार प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की प्रेरणादायक कहानियों के बारे में जानने और हमारे देश को गौरवान्वित करने का आग्रह किया।
सभा को संबोधित करते हुए भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द ने दस सिख गुरुओं की भूमि कही जाने वाली पंजाब की धरती पर आने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों को तख्त श्री दमदमा साहिब की पवित्र भूमि के निकट अध्ययन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, जहां दसवें सिख गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने ‘श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी’ के संकलन को अंतिम रूप दिया था। उन्होंने एनईपी 2020 के अनुरूप समग्र शिक्षा प्रदान करने और 27 राज्यों, 7 केंद्र शासित प्रदेशों और 22 देशों के अंतरराष्ट्रीय छात्रों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करते हुए अपने परिसर में भारतीय विविधता को बढ़ावा देने हेतु विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की सराहना की। श्री कोविंद ने शिक्षा और अनुसंधान में उल्लेखनीय योगदान के लिए सीयू पंजाब परिवार की सराहना की और उन्होंने इस बात पर बल दिया कि हाल के वर्षों में विश्वविद्यालय की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. राघवेंद्र पी. तिवारी के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्कृष्टता की ओर बढ़ रहा है।
श्री कोविंद ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 21वीं सदी भारत के युग का प्रतीक है। उन्होंने अंतरिक्ष, रक्षा प्रौद्योगिकी, वैश्विक कूटनीति आदि क्षेत्रों में देश की हालिया उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। दुनिया ने जी-20 शिखर सम्मेलन के हमारे सफल आयोजन को देखा है और वसुधैव कुटुंबकम के भारतीय दर्शन को बढ़ावा देने में भारत के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने उल्लेख किया कि हमारे निरंतर प्रयासों ने हमें दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने में सक्षम बनाया है। अमृत काल का सदुपयोग करने के लिए आज पूरे देश के युवाओं को अपनी 55% से अधिक युवा आबादी का लाभ उठाते हुए कड़ी मेहनत करने और 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने की दिशा में कार्य करने की जरूरत है।
मुख्य अतिथि ने डिग्री प्राप्तकर्ताओं को हार्दिक बधाई दी और उन्हें राष्ट्र निर्माण और अपने मातृ संस्थान की उन्नति के लिए अपने ज्ञान का उपयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने उन्हें योद्धाओं की भावना को अपनाते हुए एक सामंजस्यपूर्ण और समावेशी समाज के लक्ष्य के साथ राम राज्य के मूल्यों पर आधारित सामाजिक संरचना के निर्माण के लिए अथक प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में माननीय कुलाधिपति प्रो. जगबीर सिंह ने डिग्री प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी और उनसे नवोन्वेषी विचारों के साथ अपनी नई यात्रा शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने आजीवन सीखने वाले दृष्टिकोण को अपनाने के महत्व पर बल देते हुए युवाओं को सामाजिक कल्याण की जिम्मेदारी उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में सीयू पंजाब के कुलपति प्रोफेसर राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया और विश्वविद्यालय की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि यह बहुत संतोष की बात है कि विश्वविद्यालय को नैक द्वारा ‘ए+’ (A+) ग्रेड प्राप्त हुआ है और पिछले पांच वर्षों में लगातार पांच बार एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग में शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में स्थान प्राप्त करने का गौरव हासिल हुआ है। प्रोफेसर तिवारी ने कहा कि इस दीक्षांत समारोह के माध्यम से विश्वविद्यालय 864 पीजी/पीएचडी डिग्री प्राप्तकर्ताओं को समाज को सौंप रहा है, जो जिम्मेदार नागरिक के रूप में देश के विकास में योगदान देंगे और बाबासाहेब डॉ. बी.आर. आम्बेडकर के समावेशी समाज बनाने के दृष्टिकोण को साकार करने हेतु कृत संकल्पित रहेंगे। उन्होंने उपाधि प्राप्तकर्ताओं को श्री गुरु नानक देव जी द्वारा दी गई शिक्षा “अपने हाथों से अपना भाग्य खुद बनाओ” का पालन करते हुए जीवन में खुद को एक बेहतर इंसान बनाने के लिए प्रयास करने हेतु प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के दौरान कुलसचिव डॉ. विजय शर्मा ने विश्वविद्यालय का ध्वज थामकर अकादमिक प्रोसेसन का नेतृत्व किया। डीन प्रभारी अकादमिक प्रो. आर.के. वुसिरिका ने डिग्री प्राप्तकर्ताओं को शपथ दिलाई और उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। अंत में परीक्षा नियंत्रक प्रो. बी.पी. गर्ग ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में संकाय, कर्मचारी, अनुसंधान विद्वान और छात्र शामिल हुए।