Theappealnews

पंजाब में शिअद-बसपा गठबंधन शानदार जीत हासिल करने के लिए तैयार: हरसिमरत कौर बादल

मुक्तसर, द अपील न्यूज़ ब्यूरो


पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज कहा है कि शिअद-बसपा गठबंधन विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए तैयार है, लोगों ने विकास, शांति और साम्प्रदायिक सदभाव के युग में वापसी के पक्ष में निर्णायक मतदान किया है और साथ ही उन लोगों को ठुकरा दिया जिन्होने उन्हे धोखा दिया तथा जिन्होने  राष्ट्र विरोधी तत्वों के साथ मिलीभगत की थी। पत्रकारों से बातचीत करते हएु सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने कहा लोग एक स्थिर सरकार चाहते हैं, जो लोगों से जुड़ी हों। उन्हे लगता है कि पिछले पांच सालों में उनके साथ धोखा हुआ है, और उनसे किए गए सभी वादे अधूरे रह गए हैं। वे कानून व्यवस्था की स्थिति में गिरावट, गैंगस्टर कल्चर के साथ साथ व्यापक भ्रष्टाचार, रेत और शराब माफिया से भी परेशान हैं। सरदारनी बादल ने कहा कि इसी तरह लोग राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होने कहा पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है। हमारे मिली जुली संस्कृति है। हम किसी भी विभाजनकारी पार्टी को राज्य में जड़े जमाने की अनुमति नही दे सकते, जो खालिस्तानी तत्वों के साथ साथ सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) जैसे आईएसआई एजेंटों का समर्थन करते हैं। लोग ऐसे तत्वों  के खिलाफ निर्णायक रूप से मतदान करेंगें, क्योंकि उन्होने पहले भी अरविंद केजरीवाल को 2017 में पाबंदीशुदा लोगों से मिलते हुए यहां तक कि मोगा में एक कटटरपंथी के आवास पर रहते हुए देखा है।

आम आदमी पार्टी द्वारा एक मौका की अपील के बारे में पूछे जाने पर सरदारनी बादल ने कहा, पंजाबियों ने आप पार्टी को पंजाब में प्रमुख विपक्षी पार्टी बनाकर एक मौका दिया। हालांकि आप पार्टी के 20 में से 11 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होने कहा कि आप पार्टी भी पंजाब विरोधी तथा पंजाबी विरोधी है। उन्होने कहा कि जिस तरह से पार्टी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर का पंजाब के दरिया का पानी दिल्ली और हरियाणा को देने और राज्य के चार थर्मल प्लांटों को बंद करने की मांग की थी, उससे साबित हो गया है। उन्होने कहा कि दिल्ली की आप सरकार ने भी पंजाबी भाषा को दूसरी भाषा के दर्जे को छीनकर उसके साथ भेदभाव किया है। आप पार्टी की सरकार ने अपनी जमीन पर बाबा बंदा सिंह बहादुर की मूर्ति की स्थापना की अनुमति नही दी और यहां तक कि गुरुद्वारा शीशगंज साहिब मे ऐतिहासिक ‘प्याऊ’ को भी तोड़ दिया ।

Exit mobile version