प्रयागराज
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद चिन्मयानंद के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ़ हो गया है। जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया है। दो से तीन दिनों में चिन्मयानंद जेल से बाहर आ जाएंगे। जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने 16 नवम्बर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कोर्ट ने चिन्मयानंद की बीमारी, एसआईटी जांच पूरी होने और केस का ट्रायल शुरू होने के आधार पर जमानत दी है। स्वामी चिन्मयानंद पर शाहजहांपुर की एलएलएम छात्रा के यौन शोषण का आरोप लगाया था। चिन्मयानंद को पिछले साल 20 सितम्बर को गिरफ्तार किया गया था।
चिन्मयानंद को ब्लैकमेल कर उनसे रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार छात्रा व उसके साथियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
शाहजहांपुर स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की एक छात्रा ने 24 अगस्त को एक विडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाए और उसे व उसके परिवार को जान का खतरा बताया था। वीडियो सामने आने के बाद छात्रा लापता हो गई थी।
इस मामले में पिछले साल 25 अगस्त को पीड़िता के पिता की ओर से कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने की धाराओं में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया था। इसके बाद स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने पांच करोड़ रुपय रंगदारी मांगने का भी मुकदमा दर्ज करा दिया था।
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और 30 अगस्त को पीड़िता को उसके एक दोस्त के साथ राजस्थान से बरामद कर लिया गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पीड़िता को कोर्ट के सामने पेश किया गया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एसआईटी ने मामले की जांच शुरू की।
16 सितंबर को पीड़िता की ओर से दिल्ली पुलिस को दी गई शिकायत पर संज्ञान लेते हुए धारा 164 में उसका बयान दर्ज कराया गया। एसआईटी ने मोबाइल, पेन ड्राइव और गवाहों के मोबाइल सीज कर उन्हें फॉरेंसिक लैब भेजा। छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर करीब नौ महीने तक यौन शोषण करने, रेप कर उसका विडियो बनाने, नहाने का विडियो बनाने और उन्हें गायब कर साक्ष्य मिटाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
20 सितंबर को यूपी पुलिस की एसआईटी ने चिन्मयानंद को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया।