बठिंडा, अनिल कुमार
पंजाब एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (पेडा) ने गुरुवार को पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) स्थित थर्मल काॅलोनी में प्रदेश व्यापी ट्रेनिंग वर्कशॉप का आयोजन किया। पेडा, एग्रीकल्चर डिमांड साइड मैनेजमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत कैपेसिटी बिल्डिंग ट्रेनिंग वर्कशॉप के माध्यम से लाभार्थियों के लिये यह वर्कशॉप प्रदेश भर में पांच जिलों में आयोजित करवा रहा है।। इस आयोजन में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लगभग 60 पीएसपीसीएल अधिकारी, स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी अधिकारी, स्टेट एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारी, पम्पसेट निर्माता और डिस्ट्रीब्यूटर्स, सफाई और जल सप्लाई विभाग के अधिकारी, स्थानीय निर्माता, सलाहकार, कान्ट्रेक्टर, डीलरों और अन्य सर्विस प्रोवाइडर्स ने भाग लिया जो कि ऊर्जा संरक्षण के विभिन्न पहलुओं से अवगत हुये।
इस अवसर पर अश्विनी कुमार, ऐके धीर, कपिल अरोड़ा, डाॅ हरजीव खन्ना, अनमोल पपनेजा, रुपिंदर आहुजा और सुरेन्द्र बाहगा ने ऊर्जा दक्षता पहलुओं जैसे बिजली के उपकरणों और वाॅटर पम्पों की स्टार लेबलिंग, उनके ऑपरेशन और मेंटेनेंस, ऊर्जा दक्ष और प्रभावी लाईटें व ऐयर कंडीशनिंग, स्मार्ट मीटरिंग आदि पर प्रकाश डाला। आर्किटेक्ट सुमन कौशिक ने सभी का आभार व्यक्त किया। वर्कशाप में भाग ले रहे प्रतिनिधियों को स्पष्ट किया गया कि भारत में कुल पानी की खपत का लगभग 80 फीसदी कृषि क्षेत्र का है और सिंचाई के उद्देश्यों के लिये पंप सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। पंप सिंचाई के क्षेत्र के विस्तार के साथ साथ जल प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, नतीजतन, किसान अपनी सिंचाई जरूरतों के लिये पंपों पर अधिक निर्भर हो गये हैं । कृषि पंपिंग क्षेत्र. में ऊर्जा दक्षता को प्रेरित करने के लिए किसानों और तकनीशियनों के बीच ऊर्जा दक्षता उपायों के बारे में जागरूकता पैदा करना एक प्रमुख कुंजी है। इसलिये पंप सेटों के संचालन और प्रबंधन, बिजली आपूर्ति में सुधार आदि से संबंधित ऊर्जा कुशल प्रथाओं के लिये डिस्कॉम, राज्य कृषि विभाग और किसानों के अधिकारियों जैसे स्टेकहोल्डर्स की क्षमता का निर्माण भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।