कोल्लम
अकसर लोगों से यह कहते हुए आपने जरूर सुना होगा कि पढने लिखने की कोई उम्र नहीं होती। ऐसा ही जज्बा दिखाया है केरल की 105 वर्षीय भागीरथी अम्मा ने। चौथी कक्षा की परीक्षा देकर वह केरल राज्य साक्षरता मिशन की सबसे उम्र दराज छात्रा बन गई हैं।
केरल के कोल्लम जिले के परकुलम की रहने वाली भागीरथी अम्मा के छह बच्चे और 16 पोते हैं। मां की मृत्यु के बाद भागीरथी अम्मा को महज नौ साल की उम्र में अपनी पढाई रोकनी पड़ी थी। अपने छोटे भाई-बहनों की देखभाल की वजह से उनको कक्षा 3 के बाद से स्कूल जाने का मौका नहीं मिल पाया। अपनी पढ़ाई जारी रखने की उनकी तड़प साहित्य मिशन के अधिकारियों की मदद से 105 साल की उम्र में पूरी हुई। अधिकारियों ने उन्हें अपने सपनों को साकार करने में हर संभव मदद की।
डिस्ट्रिक्ट लिटरेसी मिशन के को-ऑर्डिनेटर सीके प्रदीप कुमार ने बताया कि परीक्षा रविवार को शुरू हुई थी, जो मंगलवार को समाप्त हुई। उन्होंने कहा कि भागिरथी अम्मा दूसरों के लिए एक वास्तविक प्रेरणा है। बता दें कि केरल राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण केरल सरकार के सामान्य शिक्षा विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्थान है। इसका उद्देश्य निरंतर शिक्षा के माध्यम से पूरे केरल में माध्यमिक स्तर की शिक्षा सुनिश्चित करना है।