तीन बार प्रो. भुल्लर की रिहाई के कागजात को अस्वीकार करना आप के पंथ विरोधी मानसिकता का प्रमाण
शिअद-बसपा गठबंधन स्पष्ट बहुमत की ओर बढ़ रहा, डेमोक्रेटिक भारतीय लोकदल के समर्थन का स्वागत
गिदद्ड़बाहा, धीरज गर्ग/शक्ति जिंदल
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष स. सुखबीर सिंह बादल ने आज प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे के आवास से 11 करोड़ रूपये की वसूली तो कुछ भी नही, चन्नी ने भ्रष्ट सौदों में शामिल होकर करोड़ों रूपये लूटे हैं।
पार्टी उम्मीदवार हरदीप सिंह ढ़िल्लों के समर्थन में यहा छोटी छोटी सभाओं को संबोधित करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ यह शर्मनाक बात है कि मुख्यमंत्री अपने भांजे के रंगेहाथ पकड़े जाने के बाद जिसमें भारी मात्रा में पैसा और सोना पकड़ा गया है, रोने का पाखंड कर रहे हैं ,और खुद को एक राजनीति के शिकार होने के रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं’’। उन्होने कहा कि पंजाबी चन्नी को उसके भ्रष्ट सौदों के लिए जवाबदेह ठहराएंगें और अगली शिअद-बसपा सरकार बनने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यहां एक सवाल का जवाब देते हुए स. सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा प्रो. दविंदरपाल भुल्लर की रिहाई के कागजात तीन बार खारिज कर दिए गए थे। उन्होने कहा कि यह आप पार्टी की पंथ विरोधी मानसिकता को दिखाता है, लेकिन इससे यह भी साबित होता है कि पंजाबी अपने हितों की रक्षा के लिए बाहरी लोगों की इस पार्टी पर हरगिज भरोसा नही कर सकते। उन्होने यह भी बताया कि कैसे आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पहले एस.वाई.एल नहर के मुददे पर पंजाब के हितों के साथ विश्वासघात किया था। उन्होने कहा कि इसी तरह केजरीवाल ने शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर कर पंजाब के थर्मल प्लांटस को बंद करने और धान की पराली जलाने के लिए राज्य के किसानों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की थी।
यह कहते हुए कि अकाली दल पहले से ही बहुमत की ओर बढ़ रही है। सरदार बादल ने कहा, ‘‘ अब सभी इस बात से आश्वस्त हैं कि शिअद-बसपा गठबंधन पंजाब में सरकार बनाएगी। उन्होने कहा कि आगामी चुनाव में कांग्रेस और आप दोनो का सफाया होना तय है।
गिददड़बाहा हलके के दौरे के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व नगर पार्षद और गिददड़बाहा ट्रक यूनियन के पूर्व अध्यक्ष कुलवंत सिंह मान सहित सैंकड़ों कांग्रेस और आप के कार्यकर्ता अकाली दल में शामिल हो गए। सरदार बादल ने उन्हे अकाली दल में उचित सम्मान और जिम्मेदारी देने का आश्वासन दिया।