भारतीय वायु सेना की विंग कमांडर शालिजा धामी फ्लाइंग यूनिट की फ्लाइट कमांडर बनने वाली देश की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं।
मंगलवार को उन्होंने हिंडन एयर बेस में चेतक हेलीकॉप्टर यूनिट की फ्लाइट कमांडर का पदभार संभाला। लुधियाना में पली-बढ़ी धामी स्कूल से ही पायलट बनना चाहती थीं। वे नौ साल के बच्चे की मां हैं।
धामी, 15 साल के अपने कार्यकाल में चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टर उड़ा चुकी हैं. ऐसे में विंग कमांडर धामी इंडियन एयरफ़ोर्स की पहली योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर भी मानी जा रही हैं.पंजाब के लुधियाना में पली बढ़ी शालिजा बचपन से ही पायलट बनना चाहती थीं जिसके चलते उन्होंने वायुसेना में अपने करियर को चुना. शालिजा के इस मुकाम पर पहुंचने से ना सिर्फ देश का नाम रोशन हुआ है बल्कि महिलाओं के लिए भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर खुला है.
शालिजा धामी को 2300 घंटे तक उड़ान का अनुभव है. ऐसे में शालिजा इंडियन एयरफ़ोर्स की पहली महिला अधिकारी हैं जिनको उनके लम्बे कार्यकाल के लिए स्थाई कमीशन भी दिया जायेगा.
बता दें साल 1994 में वायुसेना ने पहली बार महिलाओं को भी शामिल किया था, लेकीन यहाँ उन्हें कॉम्बैट रोल नहीं दिए गए थे. ऐसे में महिलाओं ने अपना संघर्ष जारी रखा और अंततः उन्होंने भी एयरफ़ोर्स में कॉम्बैट रोल हासिल किए.