नई दिल्ली
देश को झकझोर देने वाले निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चारों दोषियों विनय शर्मा (26), मुकेश सिंह (32), अक्षय ठाकुर (31) और पवन गुप्ता (25) को शुक्रवार तड़के पांच बजकर 30 मिनट पर यहां तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। सभी दोषियों को फांसी की सजा होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि निर्भया की पहले वहशियाना तरीके से इज्जत लूटी गई और उसके बाद उसका कत्ल कर दिया गया। पिछले सात साल से पूरा देश इसके खिलाफ न्याय की उम्मीद में बैठा था। आज निर्भया के दोषियों को फांसी हुई है। सात साल लग गए इसमें मुझे लगता है कि आज वो दिन है कि हम सबको मिलकर संकल्प करने की जरूरत है कि दूसरी निर्भया अब नहीं होनी चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि हमने देखा कि पिछले कुछ महीनों से किसी तरह से फांसी की सजा मिलने के बाद भी पूरे सिस्टम को इन लोगों ने किस तरह से घुमाया और हर बार फांसी की सजा मिलती थी और टल जाती थी। हमारे सिस्टम में बहुत सी कमियां है जोकि गलत काम करने वालों को प्रोत्साहन देती है कि जो मर्जी करो कुछ नहीं होगा और केस लटकते रहेंगे। तो मुझे लगता है कि आज का दिन है कि हम सबको मिलकर संकल्प लेना चाहिए कि अब इस देश में दूसरी निर्भया नहीं होने देंगे और इसके लिए हमें कई स्तरों पर काम करने की जरूरत है। हमें पुलिस का सिस्टम ठीक करने की जरूरत है। कोई महिला पुलिस में जाती है तो उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की जाती, जिसने गलत काम किया होता है उसकी शय पर पीड़िता को तंग किया जाता है। उसे ठीक करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि पुलिस की इंवेस्टिगेशन प्रणाली को ठीक करने की जरूरत है ताकि जल्दी से जल्दी जांच हो। ज्यूडिशल सिस्टम ठीक करने की जरूरत है ताकि सात-सात साल ना लगे, छह महीने में फांसी हो। उन्होंने कहा कि पुलिस और कानून तो हमारी पास नहीं है लेकिन हमारी जितनी जिम्मेदारी हमें करने की जरूरत है। वो सारे कदम उठाने की जरूरत है कि महिलाएं अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सके। पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे हमने लगाने है और लग रहे हैं। दिल्ली में जहां-जहां डार्क स्पॉट है वहां-वहां स्ट्रीट लाइट लगाने की जरूरत है। दिल्ली सरकार ने बसों में मार्शल की नियुक्ति की है, जितने काम है हमें करने की जरूरत है। हमें ऐसा सिस्टम बनाने की जरूरत है कि ताकि दूसरी निर्भया ना हो सके।
दिल्ली के सीएम ने कहा कि निर्भया का मामला एक उदाहरण है कि हमारे कानून में कितनी कमियां है जोकि दोषियों को मदद करती है जो पीड़ित को न्याय दिलाने में कितनी देरी करती हैं। हमें बैठकर इन्हें ठीक करना होगा।
तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि चारों दोषियों को ठीक 5:30 बजे फांसी पर लटकाया गया और करीब 6 बजे यानी आधे घंटे बाद चारों को डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। जेल प्रशासन सूत्रों के अनुसार चारों दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया और इसके लिए जेल नंबर-3 की फांसी कोठी में दो तख्तों पर चारों को लटकाने के लिए चार हैंगर बनाए गए थे। इनमें से एक का लीवर मेरठ से आए जल्लाद पवन ने खींचा तथा दूसरे लीवर को जेल स्टाफ ने खींचा।