स्वच्छ भारत की रैंकिंग में पिछड़ने पर भी नहीं लिया नगर निगम बठिंडा के अफ़सर/अधिकारीयों ने सबक

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बठिंडा, कपिल शर्मा

स्वच्छ भारत अभियान में पंजाब का नंबर वन शहर रहने के बाद इस बार स्वच्छ भारत की रैंकिंग में पंजाब में पिछड़ गया है। नगर निगम बठिंडा के अफ़सरों, अधिकारीयों यहां पहले से ज्यादा शहर की स्वछता की तरफ ध्यान देने की जरुरत है मगर हो बिल्कुल ही उल्ट रहा है। बठिंडा शहर में जगह-जगह कूड़े-करकट के ढ़ेर लगे देखे जा सकते हैं जबकि नगर का कहना है कि बठिंडा शहर में से सभी सेकेंडरी और प्राइमरी डम्प्स को खत्मं कर कूड़ा-करकट सीधे बड़े डंप तक जायेगा। अगर कूड़े-करकट की कलेक्शन घरों, दुकानों आदि से 100% की जाती है तो फिर इतने बड़े-बड़े कूड़ा-करकट के ढ़ेर बठिंडा शहर में कैसे लग जाते हैं और ये कूड़ा-करकट आता कहाँ से है। बठिंडा शहर में जगह-जगह लगे कूड़े-करकट के ढेरों में आवारा/बेसहारा पशु सारा दिन-रात मुँह मारते रहते है और गन्दगी व् प्लास्टिक के लिफाफे आदि निगलने के साथ-साथ कूड़ा-करकट भी दूर-दूर तक खिलाड़ देते हैं। जब इन आवारा/बेसहारा पशुयों को मौत हो जाती है उनकी मौत का कारण प्लास्टिक के लिफाफे निगलना बताया जाता है जबकि पशुयों को गन्दगी और प्लास्टिक के लिफाफे निगलने का मौका भी नगर निगम बठिंडा के द्वारा दिया जाता है सड़कों, गलियों आदि में कूड़ा-करकट के ढ़ेर पड़े होने के कारण, इस तरह से इन आवारा/बेसहारा पशुयों की मौत की पीछे भी कुछ हद तक नगर निगम बठिंडा जुम्मेवार है। केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन/अभियान से हर साल लाखों/करोड़ों रूपये फंड्स मिलने के बाद भी बठिंडा शहर में जगह-जगह कूड़े-करकट के ढ़ेर लगे पड़े हैं जिससे कि लोगों का गली, मुहल्लों और सड़कों पर से गुजरना मुश्किल हो गया हैं। कूड़े-करकट के ढेरों के कारण झुंडों के रूप में पशु भी उसके आस-पास घूमते रहते हैं। राहगीरों की सड़कों, गलियों आदि में से गुजरते वक्त एक तो कूड़े-करकट की गन्दी बदबू का सामना करना पड़ता है और पशुयों का डर अलग से बना रहता है। लोगों द्वारा स्वछता एप्प पर भी की गयी शिकायतों का समय पर हल नहीं किया जाता वो भी सप्ताह, महीनों पेंडिंग पड़ी रहती हैं या शिकायत को रिजेक्ट कर देते है नगर निगम बठिंडा के अधिकारी। अगर ऐसे ही चलता रहा तो स्वछता की रैंकिंग में पंजाब में से पहला स्थान फिर से हासिल करना पाना बेहद मुश्किल हो जायेगा। बठिंडा प्रशासन की खुद की जुम्मेवारी है कि शहर वासियों को साफ-सुथरा और भय मुक्त माहौल प्रदान करने की, मगर यहाँ तो लोगों द्वारा बार-बार शिकायतें करने पर भी उन शिकायतों का हल नहीं किया जाता और कूड़े-करकट के ढ़ेरों को समय पर उठवाया नहीं जाता है। स्वच्छ भारत अभियान में राज्य में तीन बार पहले नंबर पर आने वाले बठिंडा के स्वच्छ भारत अभियान को ग्रहण लग गया है/नजर लग गयी है जिसके जुम्मेवार नगर निगम बठिंडा के सम्बंधित अफ़सर, नोडल अफसर, अधिकारी और कर्मचारी हैं। सम्बंधित नोडल अफसरों, सुपरडेंटों, चीफ सैनटरी इंस्पेक्टरों, सैनटरी इंस्पेक्टरों, सैनटरी सुपरवाईजरों, मेटो और कर्मचारियों आदि की तरफ से शहर की साफ-सफाई की तरफ पूरा ध्यान न देने के कारण बठिंडा शहर में अलग-अलग जगहों पर कूड़े-करकट के ढेर लगे रहते हैं। आस-पास बदबू फैली रहती हैं, अगर इनसे कोई बीमारी आदि फैलती है तो परेशानी लोगों को ही होंगी निगम के अफसरों, अधिकारियों आदि को इससे कोई मतलब नहीं हैं। नगर निगम बठिंडा के स्वच्छ भारत अभियान से सम्बंधित नोडल अफसरों, सुपरडेंटों, चीफ सैनटरी इंस्पेक्टरों, सैनटरी इंस्पेक्टरों, सैनटरी सुपरवाईजरों, मेटो और कर्मचारियों को काम के प्रति पूरा ध्यान देना चाहिये जिससे कि लोगों को साफ-सुथरा माहौल मिल सके और होने वाली बीमारियों से बच सकें। बठिंडा शहर में आने वाले और बठिंडा शहर में से गुजरने वाले लोगों के मन में बठिंडा शहर की साफ-सफाई के प्रति एक अच्छी छवि बन सके और इससे प्रेरित हो कर वो लोग भी आपने-आपने शहर को भी साफ-सुथरा रखने में सहयोग कर सकें । बठिंडा शहर में लगे कूड़े-करकट के ढेरों सम्बन्धी शिकायत स्वच्छ भारत मिशन दिल्ली, प्रोजेक्ट डायरेक्टर स्वच्छ भारत मिशन पंजाब, मुख्यमंत्री पंजाब, लोकल गवर्नमेंट चंडीगढ़, डिप्टी कमिश्नर बठिंडा और कमिश्नर नगर निगम बठिंडा को भेज कर इस ओर ध्यान देने और जल्द से जल्द इस समस्या का हल करने का लिखा गया है। सम्बंधित सभी अफसरों, अधिकारीयों और कर्मचारियों पर बनती कारवाई करने का भी लिखा गया है।

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