प्राईवेट थर्मल प्लांटों से महंगे बिजली समझौते तुरंत रद्द करे अमरिन्दर सरकार -मीत हेयर

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बठिंडा, अनिल कुमार
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने पिछली बादल सरकार की ओर से सरकारी थर्मल प्लाटों की कुर्बानी दे कर निजी थर्मल प्लांटों के साथ किए बेहद महंगे और एकतरफा बिजली खरीद समझौते (पीपीएज) तुरंत रद्द करने की मांग करते पंजाब सरकार को बिजली पूर्ति के लिए प्राईवेट थर्मल बंद करने के लिए कहा है।
शनिवार यहां प्रैस कान्फ्रेंस को संबोधन करते हुए पार्टी के यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक मीत हेयर ने कहा कि अमरिन्दर सिंह सरकार ने प्राईवेट बिजली कंपनियों के साथ पीपीएज रद्द न करके न केवल जनता के साथ वायदा-खिलाफी की है, बल्कि सरकारी खजाने (पीएसपीसीएल) और हर घर की जेब को बिजली माफिया के हाथों लुटवाया है। इस मौके उनके साथ जिला प्रधान नवदीप सिंह जीटि, गुरजंट सिंह सीबिया, जिला सचिव राकेश पुरी, पार्टी नेता महेन्दर सिंह फूलोमि_ी, एम.एस जिन्दल, प्रदीप कालिया और अमरदीप सिंह राजन उपस्थित थे।
मीत हेयर ने कहा कि आज सारा पंजाब व किसान मोदी सरकार के काले कानूनों व कार्पोरेट घराणों की लूट के विरोध में डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि ताजा चुणौतियों के मद्देनजर प्राईवेट थर्मल प्लांटों के साथ किए समझौते रद्द करने का यह बिल्कुल सही समय है, जिससे पंजाब के लोगों का इस बिजली माफिया से पक्के तौर पर पीछा छुडवाया जा सके।
मीत हेयर ने कहा कि आज पंजाब में सबसे महंगी बिजली है। आम और गरीब परिवारों के मैंबर भारी-भरकम बिजली बिलों को किश्तों में भरने के लिए बिजली दफ्तरों में मिन्नतें करते आम देखे जाते हैं। दूसरी ओर सरकार बिना बिजली खरीदे प्राईवेट थर्मल प्लांटों को रोजाना 5 करोड़ रुपए फिक्सड चार्ज के तौर पर दे रही है, जो माह का 150 करोड़ रुपए बनता है। बादलों की ओर से किए 25 सालों के लिए पीपीएज (समझौते) मुताबिक पंजाब सरकार तीनों ही प्राईवेट थर्मल प्लांटों को फिक्सड चार्जिज के तौर पर 70, 000 करोड़ रुपए बिल्कुल नाजायज और अनावश्यक फालतू देने पड़ रहे हैं। जो सीधे रूप में लोगों की जेबों से जाते हैं। जबकि इतनी बड़ी रकम के साथ पंजाब के 80 प्रतिशत किसानों और मजदूरों के कर्जा माफ हो सकता था।
किसानी संघर्ष के हवाले से थर्मल प्लांटों के पास कोयले की कमी के कारण पंजाब में ब्लैक-आउट होने के संदेह पर प्रतीकर्म देते मीत हेयर ने कहा कि मोदी सरकार का हठ और अहंकार और अमरिन्दर सरकार की नालायकी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मोदी के पास अमरिन्दर सिंह की इतनी कमजोरियां हैं कि अमरिन्दर सिंह कठपुतली बन कर मोदी के इशारों पर काम कर रहे हैं। मीत हेयर ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह किसानों को किसानी संघर्ष खत्म करने की अपील करने की बजाए प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी से काले कानून वापिस करवाने के लिए क्यों नहीं मिलते?
मीत हेयर ने कहा कि पंजाब के लोगों को बिजली, किसानों को यूरिया समेत सभी जरूरी वस्तुएं समय पर मुहैया करवाने की सारी जिम्मेदारी अमरिन्दर सरकार की है, परंतु इनके लिए किसानी संघर्ष कमजोर नहीं करना चाहिए।
‘आप’ नेता ने कहा कि जिस तरह पिछली सरकार के दौरान सुखबीर सिंह बादल एंड कंपनी ने प्राईवेट बिजली कंपनियों के साथ सेटिंग करके श्री गुरु नानक देव जी को समर्पित और बठिंडा की शान इस थर्मल प्लांट की कुर्बानी ले ली। सुखबीर सिंह बादल से दो कदम आगे जाते हुए मनप्रीत सिंह बादल और मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह ने इस की जमीन पर ही नजर रख ली है। यही कारण है कि सरकार बठिंडा थर्मल प्लांट के बोर्ड ऑफ डायरैकटर्ज (बीओडीज) की ओर से इन यूनिटों को ध्वस्थ करने की बजाए पराली पर चलाने की पेशकश भी रद्दी की टोकरी में फैंक दी, जबकि पराली प्रोजैक्ट के बारे में केंद्र सरकार ने भी वित्तीय मदद करने की बात कही थी।
‘आप’ विधायक ने कहा कि यदि अमरिन्दर सिंह सरकार लोगों को लूट रहे निजी थर्मल प्लांटों के साथ समझौते रद्द करने में असफल रही तो 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर यह काम पहल के आधार पर किया जाएगा और पंजाब के खप्तकारों को केजरीवाल सरकार की तरह सस्ती बिजली मुहैया की जाएगी।

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