नीरज मंगला बरनाला, 25 नवम्बर |
खेती कानूनों और बिजली बिल -2020 विरुद्ध रेलवे स्टेशन बरनाला की पार्किंग में शुरू किये सांझे किसान संघर्ष के वें दिन ख़राब मौसम होने के बावजूद भी सैंकड़ों की संख्या में एकत्रित जुझारू पर गुस्के साथ भरेपीते किसान मर्द औरतों ने जहाँ मोदी सरकार ख़िलाफ़ गुस्सा का दिखावा किया, वहाँ दिल्ली के लिए रोकों लाने वाले हरियाणा के मुख्य मंत्री खट्टर विरुद्ध भी शहर में रोश मुज़ाहरा करके उसकी अर्थी फूँकी गई। आज के जलसा को संबोधन करते किसान नेताओं भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा के आगआं मनजीत धनेर, गुरदेव सिंह मांगेवाल, बाबू सिंह खुड्डीकलें, गुरचरन सिंह, करनैल सिंह गांधी, दर्शन सिंह सहजड़ा, अमरजीत कौर, मा. निरंजण सिंह, उजागर सिंह बीहला आदि ने कहा कि’सांझा किसान मोर्चा’का नेतृत्व नीचे खेती विरोधी तीनों ही कानूनों, बिजली संशोधन छेद -२०२० और पराळी साड़न के मसले विरुद्ध लम्बे दाव वाला विशाल संघर्ष लड़ा जा रहा है।
आज मोदी हकूमत के पैर में पैर रखनाते हरियाणा की खट्टर सरकार की तरफ से रात भर हरियाणा के किसान नेताओं ने छापमारी करके बड़ी संख्या में गिरफ़्तार ख़िलाफ़ किसानों का कड़कता गुस्सा सड़कें पर निकल चला। शहर के सदर बाज़ार में से मार्च करके शहीद भगत सिंह चौंक में हरियाणा के मुख मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अर्थी साड़ि गई और माँग की कि गिरफ़्तार किये किसान नेता बिन•ें शर्त तुरंत रिहा किये जाएँ, छापे मारी बंद करके पंजाब -हरियाणा बार्डर पर लगाऐ बैरीकेड हटाए जाएँ। नेताओं कहा कि हकूमतों के अत्याचारी कदम कभी भी संघर्षशील काफ़िलों को आगे बढ़ने से रोक नहीं सगे, नाम ही खट्टर सरकार के यह अत्याचारी कदम भी किसानों को दिल्ली की तरफ जाने से रोक नहीं सकेंगे। नेताओं ने हरियाणा सरकार को चेतावनी भरे लहजो में कहा कि हरियाणा सरकार किसानों पर जबर ढाना बंद करे क्योंकि मुल्क भर के किसानों की लड़ाई दिल्ली के तख़्त के साथ है। हरियाणा सरकार किसानी संघर्ष की ज़ख़्म में न आए। यह मुल्क के किसानों की ज़िंदगी मौत की लड़ाई है। नेताओं कहा कि आज रात घर बैठने का समय नहीं बल्कि ख़राब मौसम के बावजूद भी घर -घर किसान मर्द औरतें को दिल्ली की तरफ कूच करन पूरा बल लगा देना चाहिए।