नीरज मंगला बरनाला |
हजारों लोगों की कीमती जिंदगी और सडक़ हादसों में होते करोड़ों के नुकसान को बचाने के मकसद से जिला पुलिस ने सुरक्षा सप्ताह के रूप में शहर के मुख्य बाजार में एक साथ सैंकड़ों ऑटो-रिक्शा व थ्री-व्हीलरों को एकत्रित किया। जिन पर नि:शुल्क रिफ्लेक्टर लगाए गए और चालकों को रिफ्लेक्टर युक्त जैकेटें पहनाई गई। इस दौरान करीब दो घंटे सकते में रहे दुकानदारों को जब पुलिस की दूर-अंदेशी विचारधारा का पता लगा तो उन्होंने दुकानदारी को हुई तकलीफ समाजसेवा के नाम समर्पित कर दिया। गौरतलब हो कि पिछले समय में रिफ्लेक्टर लगाने के नाम पर फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर फर्जी ठेकेदार सडक़ों पर आते-जाते वाहनों को जबरन रिफ्लेक्टर लगा हजारों लाखों रुपए बटोरते रहे हैं। यदि पुलिस, प्रशासन व समाजसेवी संस्थाएं इकजुट होकर ऐसे प्रयास करें तो फर्जीवाड़े पर लगाम लग सकेगी।
वाहनों पर रिफ्लेक्टर, चालकों को जैक्टें:
शहर के मुख्य सदर बाजार में जिला पुलिस ने दो घंटे में सैंकड़ों वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाए, वाहनों के चालकों को रिफ्लेक्टरयुक्त जैकेटें पहनायी। लोगों को दुर्घटनाओं से बचने के तरीके बताए और यातायात नियमों के बारे में जागरूक किया गया। इस अवसर पर डीएसपी लखवीर सिंह, एसएचओ लखविंदर सिंह तथा जिला पुलिस के दर्जनों जवान उपस्थित थे।
इस लिए किया मुख्य बाजार का चयन:
भले ही पुलिस द्वारा ऑटोरिक्शा पर रिफ्लेक्टर लगाने का सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम शहर की अनाजमंडी, स्पोर्टस स्टेडीयम, कचेहरी चौक या अन्य किसी खुली जगह पर आयोजन किया जा सकता था, लेकिन ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करने के लिए शहर के मुख्य बाजार का ही चयन किया गया। यही ही नहीं शहर के मुख्य बाजार की एक छोर पर स्थित रेलवे स्टेशन पर धरना दे रहे किसानों के पास खड़े सैंकड़ों वाहनों (ट्रैक्टर-ट्रालियों/कारों व दोपहिया वाहनों) पर भी रिफ्लेक्टर लगाए गए। शुरुआती दौर में जैसे-जैसे ऑटो रिक्शा एक एक कर पंक्तिबद्ध होने लगी, दुकानदार सकते में आ गए। लेकिन जब पुलिस द्वारा मनाए जा रहे सुरक्षा दिवस की जानकारी हुई तो व्यापारियों व शहरवासियों ने पुलिस की पहल को सराहनीय कदम बताया।
यह होंगे फायदे:
– दिल्ली में चल रहे किसान संघर्ष को लेकर पुलिस प्रशासन ने जो वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाने की पहल कदमी की है इससे इस जिला के मार्ग से होकर दिल्ली जा रहे किसानों को राहत मिल सकेगी।
– इलाका में आसमान से बरस रहे कोहरे के बीच ऑटोरिक्शा, ट्रैक्टर-ट्रालियों, जीप, कार, दो पहिया वाहनों के चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जो आगे पीछे गुजरते वाहनों से दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
जानी-माली नुकसान बचाना अहम: एसएसपी।
जिला पुलिस मुखी संदीप गोयल पीपीएस का कहना है कि पुलिस थानों में सडक़ दुर्घटनाओं से संबंधित केसों की लगातार संख्या बढ़ रही थी। पुलिस का अधिकांश ध्यान ऐसे केसों को हल करने में ही व्यस्त रहता था। मानवता की सेवा सर्वोत्तम सेवा है। रिफ्लेक्टर लगाने से सडक़ दुर्घटनाओं में भारी गिरावट आएगी। जहां हजारों कीमती जिंदगीयां बचेगीं वहीं सडक़ दुर्घटनाओं में वाहनों के क्षतिग्रस्त होने से बचाव हो सकेगा।