नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 8वें दिन भी जारी है. किसानों और सरकार के बीच आज चौथे दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही. आज विज्ञान भवन में करीब सात घंटे कर बैठक चली. सरकार की ओर से कहा गया कि बैठक सकारात्मक रही. एक बार फिर हम ज्यादा स्पष्टता के लिए बैठेंगे. अब किसान और सरकार के बीच सोमवार को फिर पांचवें दौर की बातचीत होगी.कृषि मंत्री ने कहा- किसानों को चिंता है कि नए कानून से मंडी समिति खत्म हो जाएगी. भारत सरकार इस पर विचार करेगी कि मंडी समिती और मजबूत हों और इसका उपयोग और बढ़ें. जहां तक नए कानून का सवाल है, उसमें प्राइवेट मंडियों का प्रावधान है. लेकिन प्राइवेट मंडी और एपीएमसी एक्ट के तहत बनी मंडियाों में टैक्स एक समान हो, इस पर सरकार विचार करेगी. किसानों की ओर से यह भी कहा गया कि नए कानून के मुताबिक मंडी के बाहर सिर्फ पैन कार्ड से कोई भी व्यापारी खरीददारी कर सकता है. हम तय करेंगे कि व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन हो.किसानों से चर्चा के बाद कृषि मंत्री ने कहा- किसानों के साथ चौथे चरण की चर्चा पूर्ण हुई, सभी किसानों और सरकार की ओर से तीन मंत्रियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया. किसानों के साथ आज अच्छे माहौल में चर्चा हुई. अब तक की चर्चा में कुछ बिंदु निकाले गए हैं जिस पर किसानों को चिंता है. सरकार किसानों के प्रतिबद्ध है हमें कोई घमंड नहीं है. सरकार खुले मन से चर्चा कर रही है.किसानों और सरकार के बीच कृषि कानून मुद्दे पर आज भी बैठक बेनतीजा रही. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- किसानो के साथ फिर से एक बार परसों बैठक हो ताकि और ज्यादा स्पष्टता आए. किसान अपना आंदोलन खत्म करें, सरकार का दरवाज़ा खुला है और मुद्दा व्यापक है हम फिर बैठके लेंगे. बैठक में किसानों ने मांग रखी कि MSP पर पूरे देश में एक ठोस क़ानून हो अगर MSP से नीचे कोई ख़रीदे तो उसपर क़ानूनी कार्यवाही का कड़ा प्रावधान हो. इसके साथ ही किसानों ने दोहराई कि तीनों कानून वापस हो और MSP पर एक क़ानून बने.