धीरज गर्ग / नीरज मंगला चंडीगढ़
दीवाली से बिल्कुल एक दिन पहले 13 नवंबर को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पियूश गोयल और नरिन्दर तोमर की तरफ से बुलाना गई मीटिंग में भाग लेने बारे फ़ैसला करन सम्बन्धित पंजाब की संघरशशील किसान जत्थेबंदियाँ की मीटिंग चण्डीगढ़ में किसान भवन में आरंभ हो गई है।इस मीटिंग में यह फ़ैसला लिया जाना है कि जत्थेबंदियाँ की तरफ से दिल्ली में जाना है या नहीं।
मीटिंग में भाग लेने के लिए गए भारतीय किसान यूनियन ( मानसा) के सूबा प्रधान बोघ सिंह और पंजाब किसान यूनियन के प्रांतीय प्रधान रुलदू सिंह ने इस पत्रकार को बताया कि मीटिंग दौरान बहुत सी मामले विचारे जाएंगे, जितना में दिल्ली की मीटिंग में जाएँ वाला फ़ैसला फ़िलहाल सब से अहम होगा।
इस मीटिंग में यह फ़ैसला भी लिया जायेगा कि दिल्ली में 26 और 27 नवंबर देश भर की संघरशशील जत्थेबंदियों के रोश प्रदरसन सम्बन्धित दिल्ली पुलिस की तरफ से आज्ञा न दिए जाने कारण उस का कोई ओर परिवर्तनीय बंदोबस्त क्या किया जाना है। किसान नेता रुलदू सिंह और बोघ सिंह ने बताया कि बेशक्क दिल्ली पुलिस ने फ़िलहाल इजाज़त नहीं दी गई है,परन्तु मुल्क की लगभग 500 किसान जत्थेबंदियाँ हर खतरे में डाले दिल्ली की तरफ कूच कलनगियें। उन बताया कि पंजाब की सभी संघरशशील किसान जत्थेबंदियाँ और ओर हिमायती धड़े दिल्ली के लिए पहले ही पैरों भार हुई बैठीं हैं।
उन कहा कि जत्थेबंदियाँ की तरफ से पंजाब खेती कानूनों और बिजली एक्ट 2020 के विरोध वजह पहले ही लोगों को काली दीवाली मनाने का न्योता दिया हुआ है।