सरदूलगढ़, (रिंपी) पर्यूषण महापर्व के चौथे दिन आज धर्म सभा को संबोधन करते हुए साध्वी श्री लक्ष्मी जी महाराज ने कहा के व्यक्ति को समय से पहले और भाग्य से अधिक कभी नहीं मिलता। उन्होंने कहा व्यक्ति को अपने जीवन में धर्म और तपस्या को अपनाना चाहिए, इससे ही हमारी आत्मा का कल्याण हो सकता है। उन्होंने कहा अगर आपके भाग्य में कुछ है, तो संतो के मुख से भी आपके लिए अच्छे शब्द निकल जाएंगे। उन्होंने कहा प्रत्येक व्यक्ति को उनका भाग्य ही साथ देता है। संत तो नमित बनते हैं किसी के अच्छे बुरे कहने से कुछ नहीं होता जो व्यक्ति कर्म करता है, उसको उन्हीं कर्मों का फल मिलता है। इसीलिए हमें शुभ कर्म करने चाहिए, उन्होंने कहा हमें साधु संतों को अच्छे मन से गोचरी देनी चाहिए। शुद्ध मन से गोचरी देने से व्यक्ति तीर्थंकर गोत्र का बंध कर सकता है। उन्होंने कहा श्री कृष्ण भगवान की माता श्री देवकी जी महारानी ने संतो को शुद्ध मन से गोचरी दी, जिनकी आज जैन सूत्रों में वर्णन आता है, इस अवसर पर जैन सभा के अध्यक्ष अभय कुमार जैन ने बताया के जैन सभा पुराना बाजार सरदूलगढ़ में प्रतिदिन से 24 घंटों का श्री नवकार महामंत्र का जाप चल रहा है।