चंडीगढ़
रेल बजट 2016-17 में राजपुरा-माेहाली (23.89 किलोमीटर) रेल लिंक के लिए 312 कराेड़ मंजूर किए गए थे। प्राेजेक्ट के लिए अब रेलवे ने 1000 रुपए का सिंबाॅलिक बजट जारी किया है ताकि प्राेजेक्ट जिंदा रहे। राजपुरा से नलास तक रेल लाइन पहले से बिछी हुई है, केवल 16 किलाेमीटर रेल लाइन बिछाई जानी है। लेकिन राज्य सरकार तीन साल से रेलवे काे जमीन ही नहीं दिला पा रही है।
इसके चलते काम रुका हुआ है। पटियाला और माेहाली के लाेग तीन साल से रेल लाइन के बनने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार के एक्टिव न होने से प्राेजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया है। वहीं, लाेगाें काे 28 फरवरी यानी आज आने वाले पंजाब के बजट में रेल लाइन के लिए जमीन एक्वायर किए जाने की घाेषणा की उम्मीद हैं।
इस प्रोजेक्ट के लिए मात्र 78 करोड़ रुपए की जमीन राज्य सरकार को पटियाला, फतेहगढ़ साहिब और मोहाली से खरीद कर देनी है। लेकिन तीन सालों से पंजाब सरकार अभी तक इस प्रोजेक्ट को लेकर भूमि अधिग्रहण कर राज्य सरकार नहीं दे सकी है। जबकि किसान इस प्रोजेक्ट के लिए जगह देने को तैयार है।
अगर राजपुरा, मोहाली और चंडीगढ़ रेल लिंक बन जाता तो राजस्थान और पटियाला से जाने वाले हजारों लोगों को फायदा होगा। वहीं इस प्रोजेक्ट से हिमाचल, राजस्थान सीधे पटियाला से कनेक्ट होगे और रोजगार भी मिलेगा। वहीं व्यापारियों को भी व्यापार में आसानी होगी। साथ चंडीगढ़ जाने के लिए चार टोल प्लाजा यात्रियों को देने होते है उससे भी बचत होगी।
पूर्व सांसद डॉ. धरमवीर गांधी ने बताया कि जब मैं सांसद था तब लोकसभा ने यह प्रोजेक्ट पास करवाया था। उसके बाद मैं मनप्रीत बादल और कैप्टन से मिल चुका हूं। लेकिन इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार बजट नहीं दे सकी है। मात्र 78 करोड़ रुपए की जमीन तीन जिलों से लेकर देनी। पहले अकाली यह प्रोजेक्ट को नहीं चाहते थे अब कैप्टन नहीं चाह रहे हैं।
डीआरएम जीएम सिंह ने बताया कि अभी प्रोजेक्ट को फ्रीज कर दिया है। कई साल पहले यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ था और पंजाब सरकार को जगह देनी थी। लेकिन वह नहीं दे सकी। जिसके चलते रेलवे ने यह प्रोजेक्ट फ्रीज कर दिया है। अब अगले बजट में इस प्रोजेक्ट के लिए देखा जाएगा।