मुंबई

 प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स में गुरुवार को दोपहर के कारोबार के दौरान 3200 अंकों से ज्यादा की गिरावट हुई और इस दौरान निफ्टी भी 899 अंक टूट गया। शेयर बाजार में भारी गिरावट के चलते अब तक इक्विटी बाजार में निवेशकों के नौ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा डूब गए। कारोबारियों के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड-19 को महामारी घोषित करने के बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका के चलते यह गिरावट आई है। इससे पहले बीएसई सेंसेक्स सुबह लगभग 1200 अंकों की गिरावट के साथ खुला और इसमें गिरावट आगे भी जारी रही।

दोपहर के कारोबार के दौरान सेंसेक्स 2707.39 अंकों की ढलान के साथ 32,990.01 के स्तर पर आ गया। सुबह के सत्र में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 82 पैसे टूटकर 74.50 तक पहुंच गया। हालांकि बाद मे इसमें कुछ सुधार हुआ और यह 46 पैसे की गिरावट के साथ 74.14 पर पहुंच गया।

दलाल स्ट्रीट पर मची इस तबाही में निवेशक के 9,15,113 करोड़ रुपए डूब गए और BSE का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर 127 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो बुधवार को कारोबार बंद होने पर 137 लाख करोड़ रुपए था। सेंसेक्स के सभी शेयर घाटे में कारोबार कर रहे थे। एक्सिस बैंक में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट आई। इसके अलावा एसबीआई, हीरो मोटोकॉर्प, आईटीसी, एमएंडएम, बजाज ऑटो और टाइटन में भी भारी बिकवाली देखने को मिली।

कारोबारियों के अनुसार डब्ल्यूएचओ द्वारा कोरोना वायरस के प्रकोप को महामारी घोषित करने के बाद वैश्विक बाजारों में अस्थिरता चरम पर है। उन्होंने कहा कि वैश्विक इक्विटी बाजार में चौतरफा बिकवाली के अलावा तेल कीमतों में बड़े पैमाने पर गिरावट और रुपये की कमजोरी ने निवेशकों की चिंताओं को बढ़ा दिया है।

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