सरकार की मुआवजा नीति से नाखुश किसानों ने डीसी दफ्तर का किया घेराव

0
233
आम लोगों को सुबह से ही उठानी पड़ी परेशानी, किसान गुलाबी सुंडी से खराब हुई पांच एकड़ से ज्यादा फसल का मुआवजा नहीं मिलने से नाराज
बठिडा, कपिल शर्मा 
गुलाबी सुंडी के हमले के बाद खराब हुई नरमा की फसल का मुआवजा लेने की मांग को लेकर 15 जिलों के किसानों ने जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के आगे धरना बुधवार को भी जारी रखा। इस दौरान किसानों ने अपने प्रदर्शन को उग्र करते डीसी दफ्तर के सभी इंट्रेस गेटों पर नाकाबंदी कर आवागमन बंद कर दिया। पहले बताया जा रहा था कि राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ गत दिवस हुई बैठक के बाद किसानों ने धरना समाप्त करने की बात कही है लेकिन इस बाबत सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि गुलाबी सुंडी से खराब हुई पांच एकड़ से ज्यादा फसल का मुआवजा किसानों को नहीं मिल पाएगा। पंजाब सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक किसानों को केवल पांच एकड़ फसल का मुआवजा ही मिलेगा। इसके बाद बठिंडा में इकट्ठा हुए किसानों ने उक्त सरकारी प्रस्ताव को नामंजूर करते प्रदर्शन जारी रखने का फैसला लिया। वही बुधवार को इकट्ठा हुए किसानों ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी। वही मिनी सचिवालय के प्रमुख गेटों पर प्रदर्शन शुरु कर आवागमन पूरी तरह से बांधित कर दिया। किसानों ने कहा कि सरकार सभी किसानों के लिए एक समान मुआवजा नीति की घोषणा करे। वही किसानों के कर्ज माफी संबंधी चुनावी वायदे को पूरा करे। इन मांगों को पूरा करवाएं बिना वह अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगर किसी किसान की 20 एकड़ की फसल नष्ट हो गई है, तो भी उसे केवल पांच एकड़ का मुआवजा दिया जाएगा। पंजाब सरकार के नोटिफिकेशन की कापी मिलने के बाद किसान संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने बुधवार को राज्य प्रबंधकीय कांप्लेक्स का घेराव करने की घोषणा की थी। इसके चलते सभी डीसी दफ्तरों में सुबह से ही भारी सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई थी। राज्य सचिव शिगारा सिंह मान व प्रेस सचिव जसवीर सिंह बुर्ज ने कहा कि उन्हें पंजाब सरकार की तरफ से जारी की गई नोटिफिकेशन की कापी जिला प्रशासन ने मुहैया करवाई है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसानों को पांच एकड़ तक की फसल का ही मुआवजा दिया जाएगा। पंजाब सरकार के फैसले के मुताबिक अगर किसी किसान को पांच एकड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है तो सरकार उसे मुआवजा नहीं देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा करके पंजाब सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने घोषणा की थी कि किसानों व मजदूरों को पूरा मुआवजा दिया जाएगा। ज्यादातर किसानों की पांच एकड़ से अधिक नरमा की फसल गुलाबी सुंडी से बर्बाद हो गई है। अब उनके नुकसान की भरपाई कौन करेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के किसान विरोधी फैसले के खिलाफ अब राज्य भर के प्रशासनिक परिसरों की पूरी घेराबंदी जारी रखी जाएगी। सरकार का ऐसा फैसला किसानों को मंजूर नहीं है। किसान नेताओं ने कहा कि जिन किसानों की फसल बर्बाद हो गई है, उन्हें 17 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा देने के लिए मजबूर किया जाएगा। आने वाले दिनों में खराब हुई फसल का पूरा मुआवजा दिलाने के लिए संघर्ष तेज किया जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here