अनिल कुमार, बठिंडा
नगर निगम बठिंडा द्वारा 48 आर.ओ. प्लांट्स के 2 कॉन्ट्रैक्ट 15 मार्च 2019 को 5 साल के लिये किये गये थे एक ही फर्म को । उसके बाद से कॉन्ट्रैक्टर्स ने आर. ओ. के पानी के दाम बढ़ा दिये थे लोगों के एतराज जताने पर पानी के बढ़े हुए दामों पर रोक लगा दी थी और निगम ने पुराने वाले रेट ही लागु करवा दिये थे। अब मिति 01 अक्टूबर 2019 से फिर से पानी के दाम अचानक से 50 पैसे प्रति कैन बढ़ा दिया गया है वो भी बिना कोई सूचना दिये अचानक से, जिससे कि पानी लेने वाले लोगों की जेब पर लगभग 4 लाख रुपयों से ज्यादा प्रति महीने का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। जब निगम के जे.ई. श्री जगदेव सिंह जी से मिति 01 अक्टूबर 2019 को पानी के रेट बढ़ाने के बारे में पूछा तो उन्होंने कोई भी रेट नहीं बढ़ने की बात कही और उससे अगले दिन उन्होंने पानी के रेट टेंडर के अनुसार बढ़ाने की बात कही जो रेट बढ़ाने का कागज कांट्रेक्टरस ने आर.ओ. प्लांट्स पर दिया है उसमे कोई नंबर और कोई मिति नहीं है और वो कोई बिड का कागज है जबकि बिड के बाद तो मार्च माह में एग्रीमेंट भी हो चुका है उस अग्रिमेंट में पुराने वाले रेट पर पानी सप्लाई करना का लिखा है रेट बढ़ाने और एग्रीमेंट की शर्तें पूरी ना करने की बात फ़ोन पर जब एस.डी.ओ. साहिब जी से की तो उन्होंने कॉन्ट्रैक्टर्स पर कोई भी कारवाई करने से साफ़ इंकार कर दिया। निगम के अधिकारीयों के कहने के अनुसार अगर टेंडर की शर्तों के अनुसार रेट को बढ़ाया गया है तो उसके बाद एग्रीमेंट भी तो किया गया है कांट्रेक्टरस के साथ। 6 महीनें पहले बढ़े रेट को वापिस क्यों लिया गया था उस समय टेंडर की शर्तें क्यों नहीं दिखाई गयी अब 6 महीनों के बाद टेंडर की शर्तें याद आ गयी है।
निगम ने जो एग्रीमेंटस कॉन्ट्रैक्टर्स के साथ किये हैं उसमें लोगों को पानी की सप्लाई का समय कुछ और लिखा गया है आर.टी.आई. के जवाब में पानी की सप्लाई का समय कुछ और लिख कर दिया है और आर.ओ. प्लांट्स के बाहर/कार्ड्स पर पानी की सप्लाई का समय कुछ और लिखा गया है तीनों जगह समय अलग-अलग लिखा है दिन में पानी की सप्लाई 8 घंटे की जगह सिर्फ 7 घंटे ही की जाती है ऐसा करने पर भी कांट्रेक्टर पर कोई कारवाई नहीं की जाती शिकायतें करने के बाद भी।
निगम का कॉन्ट्रैक्टर्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ पानी सप्लाई करने का हुआ है उन आर.ओ. प्लांट्स पर पानी के कैन भी वेचे जाते है कैन का मूल्य भी आर.ओ. प्लांट्स के बाहर लिख कर लगाया गया है जब निगम के अधिकारीयों से इस बारे में फ़ोन पर पूछा गया तो उन्होंने कॉन्ट्रैक्टर्स पर कारवाई करने से साफ़ मना कर दिया।
आर.ओ. प्लांट्स पर शुद्ध पानी ना सप्लाई करने, पानी के टैंक समय-समय पर साफ़ ना करने, पानी के पूरे टेस्ट ना करवाने, अग्रीमेंट निगम की वेबसाइट पर ना चढ़ाने आदि सम्बन्धी एक शिकायत PB-GRAMS पर डाली थी जिसका जवाब मेरी शिकायत को आर.टी.आई. समझ कर दिया गया है। जिन अधिकारीयों को आर.टी.आई. और शिकायत में अंतर नहीं मालूम उनसे कारवाई की क्या उम्मीद कर सकते हैं मिति 09 सितम्बर 2019 के पत्र में निगम ने बहुत सी बातों का जवाब निगम के पास रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है लिख कर दिया गया है।
मालवा में जिन केमिकल्स से कैंसर पनप रहा है उन्ही की जाँच नहीं कारवाई जा रही है सेहत विभाग भी खामोश बैठा है एग्रीमेंट के अनुसार हर समय शुद्ध और WHO नॉर्म्स के अनुसार ही पानी सप्लाई करना होता है। जहाँ सब कुछ उलट है आर.ओ. प्लांट्स के पानी के टेस्ट तो करवाये जाते है वो सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति/दिखावा के लिये क्योकि आर.ओ. प्लांट्स के पानी की टेस्ट रिपोर्टस में कही पर भी पानी के शुद्ध होने की पुष्टि नहीं की गयी है और नाहि पानी के टेस्ट WHO नॉर्म्स के अनुसार करवाये जा रहे हैं लोगों को शुद्ध पानी के नाम पर अशुद्ध पानी पिलाया जा रहा है।
लोगों की मांग है कि बढ़े हुए रेट तुरंत वापिस लिये जाये और एग्रीमेंट की सभी शर्तों को लागु करवाना यकीनी बनाया जाये।