कोरोना लॉकडाउन के बाद पंजाब में आज से खुलेंगे 5वीं से 12वीं तक के स्‍कूल

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नीरज मंगला, चंडीगढ़ ।

पंजाब भर मैं पिशले 22 मार्च से कोरोना लॉकडॉन के कारण स्कूल बंद थे और लोगो का सब कामकाज  ठप हो गया था और अधयापक की तरफ से बच्चो को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा था और सरकार ने कुछ समय पहले केवल अधयापको को स्कूल जाने के आदेश दिए थे परन्तु अब पंजाब के 7 जनवरी से स्‍कूल खुल जाएंगे। राज्‍य में कल से पांचवीं से लेकर 12वीं कक्षा तक की कक्षाएं स्‍कूलों में लगेंगी। राज्‍य सरकार सभी सरकारी, अर्द्ध सरकारी और निजी स्‍कूलाें को खोलने का आदेश दिया है। कोरोना वायरस के संकट के बीच लंबे अरसे के बाद राज्‍य में स्‍कूलों में कक्षाएं लगेंगी।

स्कूल शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने आज कहा कि माता-पिता की पढ़ाई संबंधी चिंता के मद्देनजर राज्य सरकार ने 7 जनवरी से सभी सरकारी, अद्धर्सरकारी और प्राईवेट स्कूल दोबारा खोलने का फैसला किया है। सिंगला ने बताया कि स्कूलों का समय प्रात:काल 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक रहेगा और सिर्फ पांचवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को ही स्कूलों में आकर कक्षाएं लगाने की अनुमति दी जाएगी।

सिंगला ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस पर सहमति दे दी है। मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर ने  शिक्षा विभाग को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर बच्चों की सुरक्षा यकीनी बनाने के निर्देश भी दिए हैं। सभी स्कूल प्रबंधकों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी की हिदायतों की कठोरता से पालना करने के लिए कहा गया है। स्‍कूलों को कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के मद्देनजर सभी गाइडलाइन्‍स और प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन करना होगा।

न्‍होंने बताया कि शिक्षा विभाग ने स्कूलों के प्र‍मुखों से राय ली गई थी। स्‍कूलों के प्रमुखों ने विद्यार्थियों की सुरक्षा यकीनी बनाने का भरोसा दिलाया था और विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षाओं के लिए अंतिम समीक्षा से पहले पुन: स्कूल खोलने की अपील की थी। शिक्षामंत्री ने विद्यार्थियों को मानक शिक्षा सहूलितें प्रदान करने के लिए असली कोरोना योद्धा के तौर पर कार्य करने वाले अध्यापकों की सराहना की।

उन्‍होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पिछले वर्ष 7 नवंबर को एक मेगा प्रोग्राम की अध्यक्षता करते हुए बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन के वितरण के अवसर पर ‘मिशन शत प्रतिशत’ की शुरुआत की थी। इस ऐलान के बाद समूचा शिक्षा विभाग खासकर स्कूलों के अध्यापक मुख्यमंत्री के सपने को हकीकत में बदलने के लिए पूरी तरह जुट गए हैं।

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