बरनाला, नीरज मंगला ।
केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून पास करने से असमत किसानों द्वारा राज्य की सडक़ों व रेल मार्ग बाधित किए हुए हैं। जिसको लेकर पंजाब में रेल सेवाएं, रिलायंज कंपनी के पैट्रोल पंप तथा टोल प्लाजे बंद पड़े हैं। लेकिन बस ट्रांसपोर्टरों द्वारा यात्रियों से किराया वसूली करने करने का सिलसिला जस का तस ही नहीं, बल्कि पहले से भी ज्यादा बढ़ाकर वसूल किया जा रहा है। यह जानते हुए भी कि राज्य का तकरीबन हर वर्ग कोविड-19 की मार तले हैं, राज्य सरकार ने मजबूरीवश बस सफर करने वाले यात्रियों को कोई राहत नहीं दी है।
कोविड-19 की महामारी का उठाया फायदा :-
कोरोना महामारी ने पंजाब में मार्च 2020 के दौरान पैर पसारना शुरु कर दिया था। एक-एक कर सैंकड़ों लोग मौत के आगोश में चले गए, लाखों के कोरोना वायरस टैस्ट किए गए। जिनके पॉजीटिव आए उनके परिवारों को अपने ही घर में बंदी रहना पड़ा। राज्य के व्यापार की हालत पूरी तरह से मंदहाल हो गई। दुकानों, फैक्ट्रियों में काम करते हजारों लोगों की नौकरियां चली गई। लाखों नौजवानों की सेलरीज आधी से भी कम हो गई। गौरतलब हो ऐसी प्रस्थिती में सरकार ने पहले कोविड-19 एक्ट की उलंघना करने वालों पर डंडे बरसाए, फिर 500 रुपए से लेकर दो-दो हजार रुपए के चालान तक काटने शुरु कर दिए। जैसे ही लॉकडाऊन खत्म कर लॉक-ओपन कर दिया गया, ट्रंसपोर्टरों को बसें चलाने की अनुमति दे दी तो यात्री किरायों में बढ़ौतरी कर डाली। जबकि डीजल तेल की कीमतों में शून्यमात्र भी बदलाव नहीं हुआ।
टोल प्लाजा भी बंद, लेकिन किराया वसूली जारी:-
केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून पारित करने के बाद पंजाब के किसान गत 54 दिनों से धरने पर हैं। रेल मार्ग, अंबानी-अदानी के कारोबार, टोल प्लाजे सभी कुछ बंद हैं। इन वर्गों का अरबों-खरबों का नुकसान हो चुका है। लेकिन पंजाब के बस ट्रांसपोर्टरों द्वारा यात्रियों से किराए की वसूली तो की ही जा रही है बल्कि पहले से भी ज्यादा वसूली की जा रही है। यह सभी कुछ जानते हुए भी राज्य सरकार ने राज्य के आम वर्ग खासकर बसों में सफर करने वाले यात्रियों को कई राहत नहीं दी है।
यह है किराया वसूली स्थिती:-
कहां से कहां तक : पहले : अब वसूली।
बरनाला से बठिंडा : 85 रुपए : 95 रुपए।
बरनाला से लुधियाना : 95 रुपए : 105 रुपए।
बरनाला से पटियाला : 110 रुपए : 125 रुपए।
बरनाला से चंडीगढ़ : 205 रुपए : 225 रुपए।
विधान सभा में उठेगा मुद्दा: विधायक
विधायक गुरमीत सिंह मीत हेहर का कहना है कि डीजल की कीमतें भी नहीं बढ़ी, महिलाओं को भी बस किराया माफ करने की सहूलत नहीं मिल सकी, टोल प्लाजा बंद पड़े हैं। जब वाहनों पर लगे फास्टटैग से भी किसी किस्म की कटौती नहीं हो रही तो ट्रांसपोर्टरों द्वारा किराया पहले जितना ही नहीं उससे भी ज्यादा वसूलना ट्रांसपोर्ट-एक्ट की उलंघना है। मामला विधान सभा में उठाया जाएगा।
वादा मुकर है पंजाब सरकार: बीहला।
शिरोमणि अकाली दल के गर्मख्याली नेता दविंदर सिंह बीहला का कहना है कि पंजाब सरकार को चाहिए कि परिवहन विभाग को नोटिस जारी करना चाहिए कि जब टोल प्लाजा बंद पड़े हैं तो बसों का यात्री किराया कम क्यूं नहीं किया जा रहा। जब किसी वस्तु की कीमत बढ़ाई जा सकती है तो खर्चे कम होने पर उसकी कीमतें घटाई क्यूं नहीं जा सकती। कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री ने शुरुआती दौर में लोगों को राहत दिलाने के जो वादे किए थे उनसे मुकर गई है। हालांकि सरकार के पास करोड़ों रुपयों की दान राषि भी एकत्रित हुई है।
सरकार के हाथ है किराया बढ़ाना-घटना: पीआरटीसी।
पीए-टू-एमडी पीआरटीसी पटियाला हरविंदर सिंह का कहना है कि बसों का किराया बढ़ाना या कम करना सरकार ने तय करना होता है। इसमें विभाग की अपनी कोई भूमिका नहीं होती।
