नई दिल्ली

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की बुधवार को जारी ‘फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट’ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में फैली हिंसा एकतरफा और सुनियोजित थी। इसमें सबसे अधिक नुकसान मुस्लिम समुदाय के लोगों के घरों और दुकानों को हुआ है। आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि खजूरी खास इलाके में रहने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि भाजपा नेता कपिल मिश्रा के 23 फरवरी को दिए गए भाषण के बाद ही यहां हिंसा भड़क उठी। इस रिपोर्ट के संबंध में कपिल मिश्रा से फोन और मैसेज कर पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिल पाया।

दो पेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा के दौरान अधिक से अधिक क्षति पहुंचाने के लिए गैस सिलेंडर का इस्तेमाल किया गया। उपद्रवियों ने जिस भी मकान और दुकान को आग के हवाले किया उसमें इस दौरान लूटपाट भी की गई। आयोग की वेवसाइट पर उपलब्ध रिपोर्ट में हिंसा के दौरान पुलिस की भूमिका की प्रशंसा की गई है। साथ ही कहा गया है कि दिल्ली सरकार को प्रभावित लोगों को दी जाने वाली मुआवजा राशि को बढ़ाना चाहिए। बिना मदद के इन इलाकों में हिंसा से प्रभावित लोग अपने जीवन को दोबारा ठीक से पटरी पर नहीं ला पाएंगे।

आयोग के चेयरमैन जफरूल इस्लाम खान ने इस संबंध में कहा कि वह और आयोग के सदस्य करतार सिंह कोचर ने कई हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। इसमें चांद बाग, जाफराबाद, ब्रिजपुरी, गोकलपुरी, मुस्तफाबाद, शिव विहार, यमुना विहार, भजनपुरा और खजूरी खास प्रमुख हैं। इन इलाकों में स्थित क्षतिग्रस्त मस्जिद और स्कूलों का भी उन्होंने दौरा किया था। चेयरमैन के अनुसार, इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का विस्तार से निरीक्षण किया गया।

आयोग के चेयरमैन ने रिपोर्ट में कहा है कि स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि हिंसा की शुरुआत भाजपा नेता की चेतावनी के बाद 23 फरवरी की रात हुई थी। 23 फरवरी को सीएए के विरोध में जाफराबाद में प्रदर्शन का आयोजन किया गया था।

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