दिवाली से पहले प्रदूषण को लेकर एक्शन में सरकार, जावड़ेकर

0
1029

द अपील न्यूज ब्यूरो, नई दिल्ली
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि दीपावली के मद्देनजर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या के गंभीर होने से पहले ही सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए हवा की गुणवत्ता बेहतर बनाए रखने के लिए विशेष निगरानी दल गठित कर छापेमारी की कार्रवाई शुरु कर दी है। जावड़ेकर ने हवा को साफ बनाने के लिए पिछले कुछ सालों से चल रहे प्रयासों और इनके प्रभाव की सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि विजयादशमी और दीपावली के पहले केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के 47 विशेष दल गठित किए गए हैं। ये दल दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण रोकने से जुड़े मानकों के पालन की निगरानी करते हुए औचक निरीक्षण करेंगे। जावड़ेकर ने बताया कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र से संबद्ध पांच राज्यों (दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड) के पर्यावरण मंत्रियों की अगले सप्ताह बैठक में केन्द्र और राज्य सरकारों के साझा उपायों की समीक्षा की जाएगी। हालांकि उन्होंने माना कि हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की समस्या अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। इस पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार ने 1120 करोड़ रुपए राज्यों को जारी किये। इसके तहत पराली निस्तारण के 18 हजार से अधिक यंत्रों का किसानों में वितरण सहित अन्य उपाय किए जा रहे हैं। विज्ञापन अभियान के जरिए दिल्ली का वायु प्रदूषण कम करने के केजरीवाल सरकार के दावों के सवाल पर जावड़ेकर ने कहा कि तथ्यों से साबित होता है कि किसने क्या किया है। हम, तू-तू मैं-मैं में नहीं पड़ना चाहते क्योंकि किसी की फितरत होती है,,,, काम करे कोई, टोपी पहने कोई। हम इसमें नहीं पड़ना चाहते। हम प्रदूषण से लड़ रहे हैं, मैं इसे आपस में लड़ने का विषय नहीं बनाना चाहता। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता में सुधार आने के पीछे पिछले पांच साले से किए जा रहे सतत उपायों को मुख्य वजह बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में वायु गुणवत्ता सूचकांक की शुरुआत कर इस पहल का आगाज किया था। इसके तहत दिल्ली में 113 वायु गुणवत्ता निगरानी केन्द्र कार्यरत हैं और 29 नए केंद्र बनाए जा रहे हैं। वायु गुणवत्ता की सतत निगरानी के साथ बीएस छह मानक ईंधन पर चलने वाले वाहनों की शुरुआत की गई, पेरीफेरल रोड बनने के बाद अन्य राज्यों को जाने वाले भारी वाहनों का दिल्ली से गुजरना बंद हुआ और संशोधित मोटर वाहन कानून लागू होने के कारण दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पार्टिकुलेट तत्वों की मात्रा में 80 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है। इन साझा प्रयासों का ही नतीजा है कि दिल्ली में बेहतर गुणवत्ता वाली हवा के दिनों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने वायु सूचकांक के आंकड़ों के हवाले से कहा कि 2016 में अच्छी हवा वाले दिनों की संख्या 108 से बढ़कर 2018 में 159 हो गई। इस साल सितबंर तक 270 दिनों में अच्छी हवा वाले दिनों की संख्या 160 हो गई है। इसी प्रकार हवा की गुणवत्ता के लिहाज से बुरे दिनों की संख्या 2016 में 246 से घटकर पिछले साल 206 पर आ गई, जो कि इस साल सितंबर तक 108 रह गई है। कचरा निस्तारण के उपायों का जिक्र करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली में प्रतिदिन छह हजार टन कचरे से 50 मेगावाट बिजली बन रही है। उन्होंने दीपावली के त्यौहार में लोगों से पटाखों का उपयोग नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि अगर प्रयोग करना ही पड़े तो लोग हरित पटाखे ही खरीदें। ये पटाखे सस्ती दर पर बिक्री के लिये बाजार में उपलब्ध हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here