लंदन में इंटरनेशनल मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी में शामिल 11 भारतीयों समेत 16 दोषियों को सजा सुनाई गई है। 11 भारतीयों में 2 महिलाएं भी शामिल हैं। दरअसल, इंग्लैंड की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी की जांच से पता चला था कि इन्होंने 2017 से लेकर 2019 के बीच दुबई और UAE की कई यात्राएं करके UK से लगभग 70 मिलियन पाउंड (720 करोड़ रुपए) की तस्करी की थी।
बता दें कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी किसी न किसी तरीके से भारतीय माने जा रहे हैं। जिसमें कइयों ने कुछ समय पहले भारत छोड़ा और किसी ने छोटे देशों में जाकर शरण ले ली। एनसीए अधिकारियों का मानना है कि यह पैसा ड्रग्स व प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री और संगठित आव्रजन अपराध से कमाया गया था। एजेंसी द्वारा यूके में एक कूरियर से लगभग डेढ़ मिलियन पाउंड जब्त किए गए थे। जिसकी जांच के बाद इन आरोपियों के बारे में खुलासा हुआ।
एनसीए अधिकारियों द्वारा 2019 में टायर ले जा रही एक वैन के पीछे पांच बच्चों और एक गर्भवती महिला सहित 17 प्रवासियों को ब्रिटेन में तस्करी करने की ओसीजी के सदस्यों से जुड़ी एक साजिश का भी खुलासा किया। वैन को डच पुलिस ने रोक लिया था, जो हुक ऑफ हॉलैंड में नौका तक पहुंचने से पहले एनसीए के साथ काम कर रहे थे।
नवंबर 2019 में कई हफ्तों की निगरानी, संचार और उड़ान डेटा विश्लेषण के बाद अधिकारी गिरफ्तारियां करने के लिए आगे बढ़े। हाउंस्लो का 44 वर्षीय गिरोह का सरगना चरण सिंह निवासी पश्चिम लंदन को सुबह-सुबह छापेमारी कर गिरफ्तार किया गया। जांचकर्ता यह साबित करने में सक्षम थे कि सिंह पहले संयुक्त अरब अमीरात का निवासी था। आरोपी अपने गैंग के अन्य सदस्यों के लिए दुबई जाने के लिए इंतजाम करवाता था। जिससे वह पैसे का लेनदेन करते थे।
मिली जानकारी के अनुसार एजेंसी ने जब आरोपी का खाता चेक किया तो पता चला कि कितना पैसा कहां गया और कब भेजा। इससे पता चला कि अकेले 2017 के दौरान सिंह और उनके कूरियर द्वारा दुबई की कम से कम 58 यात्राएं की गई। इसके बाद और गिरफ्तारियां हुईं और जनवरी 2023 में शुरू होने वाले क्रॉयडन क्राउन कोर्ट में दो परीक्षणों में 16 लोगों पर आरोप लगाया गया और मुकदमा चलाया गया। अप्रैल में संपन्न हुए पहले मुकदमे में सिंह समेत छह लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग अपराधों का दोषी पाया गया।
क्रॉयडन क्राउन कोर्ट में 3 दिवसीय सजा की सुनवाई शुक्रवार को समाप्त हुई। जिसमें चरण सिंह को साढ़े 12 साल की जेल की सजा सुनाई गई। उसके राइट हैंड वलजीत सिंह को 11 साल, जबकि भरोसेमंद लेफ्टिनेंट स्वंदर सिंह ढल्ल को मनी लॉन्ड्रिंग के लिए 10 साल और लोगों की तस्करी के लिए अतिरिक्त पांच साल की सजा मिली।
ग्रुप के अन्य 15 सदस्यों को नौ साल से 11 महीने के बीच की सजा दी गई। आरोपियों से उनके अन्य सदस्यों के बारे में पूछताछ की जा रही है।