लाकडाऊन दौरान समाज सेवीं आए आगे परन्तु सरकारी सहायता प्रति है निराशा

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बरेटा, नरेश कुमार रिम्पी

कोरोना को ले कर पंजाब सरकार के कर्फ़्यू के छटे और केंद्र के लाकडाऊन के पाँचवे दिन दाख़िल होने पर आम देखा जा रहा है कि लोगों की समस्याओं में लगातार विस्तार हो रहा है।जब भी दुकानों खुल्लदियें हैं तो आम लोग धड़ाधड़ खरीददारी के लिए भागते हैं परन्तु प्रशाशन की तरफ से यह कहा गया हुआ है कि ज़रूरी वस्तुएँ लोगों के घरों में पूजा करते की जाएँ। परन्तु पुलिस की तरफ से स्पलाई करन वालों को परेशान किया जा रहा है और पुलिस की तरफ से लोगों को तुरंत घरों में जाने के लिए कहा जाता है।इन बातों का दिखावा करते हुए घरों में आटा स्पलाई कर रहे नरेश रिम्पी ने कहा कि पुलिस को चाहिए कि हरेक को दूर से ही न ताड़ा जाये, बल्कि उसतों सेवा भावना या मजबूरी जानी जाये।क्योंकि यह समय एक संकट का है जिसको आपसी भाईचारक सांझ के साथ ही पूर करा जाना चाहिए।उन बताया कि कई लोगों की सहायता के साथ ज़रूरतमन्दों के घरों में आटा,बेसन के पकौड़े भी पहंुचाए गए हैं। इस समय यह बात भी सामने आई है कि सहायता के इस पो्रगराम में सरते पहुँचते लोग ख़ुद ही अपनी अपना योगदान दे रहे हैं।इस दौरान आज लगभग 15 दुकानों किरानो की खुली और सब्जियों की रेहड़ियें भी चली और कैमिस्ट एसोसिएशन के बनाऐ गए नियमों अनुसार मैडीकल की कुछ दुकानों भी खुली। स्थानिक सरकारी हस्पताल में ओ.पी.डी की सेवा आम की तरह चल रही है। समाज सेवीं लोगों की तरफ से चने -पुरी,रोटी,चावल आदि ज़रूरतमन्द लोगों में बँटा जा रहा है। जरूरतमंद लोगों में चर्चा है कि सरकार की तरफ से यहाँ अब तक ऐसे कोई प्रबंध नहीं किये गए। समीप के कुछ गाँवों में समाजसेवियें की तरफ से राशन और खाणख़पीण की वस्तुएँ बाँटे जाने के समाचार हैं।मज़दूर मुक्ति मोर्चा के नेता छोटा सिंह बहादरपर ने कहा कि सरकार की तरफ से अजय तक मज़दूरों के लिए किसी भी सुविधा का प्रबंध नहीं किया गया है।

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