सियासत की भेंट चढ़ा बठिंडा शहर, नांदेड़ साहिब से आए दो पॉजिटिव, 16 संपर्क में

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बठिंडा,अनिल कुमार

एकमात्र ग्रीन जोन में बचा जिला बठिंडा बुधवार को सियासत की भेंट चढ़ गया। 37 दिन से लोगों के सयंम और पुलिस व प्रशासन की मुस्तैदी से बठिंडा कोरोना से बचा हुआ था। मगर नांदेड़ साहिब में फंसे श्रद्धालुओं को पंजाब लाने को लेकर हुई सियासत के दौरान नेता पहले तो उन्हें पंजाब लाने पर सियासत करते रहे और जब राज्य सरकार ने उन्हें लाने के लिए 80 बसें आनन-फानन में रवाना कर दी जो वहां से आने वाले श्रद्धालुओं की जांच के प्रति गंभीरता दिखाने की बजाय इसका श्रेय लेने में जुट गए।

नतीजा ग्रीन जोन में रहे बठिंडा को ही नांदेड़, कोटा और राजस्थान के अन्य जिलों से आने वाली लेबर का एंट्री प्वाइंट बना दिया गया व सक्रीनिंग के नाम पर डूमवाली बैरियर पर बसें रोक उनको रिसिव किया गया। बुधवार को इसी प्रक्रिया में नांदेड़ से लौटे दो श्रद्धालु बलविंदर सिंह पप्पी निवासी परस राम नगर व संतोष रानी निवासी दिल्ली जांच के बाद पॉजिटिव पाए गए। हालांकि प्रशासन ने इन्हें आइसोलेट कर दिया था। मगर नांदेड़ से बठिंडा तक यह जिस बस में बैठकर आए उसमें उनके संपर्क में आए करीब 16 लोगों की घर भेजा जा चुका था।

बुधवार को जब इन दोनों मरीजों की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई तो हड़कंप मच गया और सेहत विभाग व प्रशासन ने इन्हें घरों से बुलाकर इनकी कोरोना जांच करने को टीम बनाई गई। मगर हैरत उस समय हुई जब प्रशासन के पास डाक्टरों की टीम व सरकारी एंबुलेंस होने के बावजूद कैनाल पुलिस की टीम और समाजसेवी संस्था के सदस्यों को संदिग्ध लोगों को घरों से लेने के लिए भेजा गया। देर रात तक टीमें कोरोना रोगियों के संपर्क में आए लोगों को ढूंढने में लगी रही।

सूत्रों के मुताबिक पॉजिटिव पाए गए बलविंदर सिंह पप्पी व संतोष रानी के संपर्क में आए व्यक्तियों में से 10 परस राम नगर, 2 बल्ला राम नगर व 4 गांव भाईरूपा के हैं। डीसी बी श्रीनिवासन के मुताबिक बठिंडा में आए 80 यात्री, 24 छात्र व जैसलमेर से आए 400 मजदूर सरकारी एकांतवास में रखे गए हैं। शहर वासियों को घबराने की जरूरत नहीं है। सेहत विभाग की ओर से अब तक 575 कोरोना संदिग्धों के सैंपल लिए गए। जिसमें 491 सैंपलों की रिपोर्ट नेगेटिव आई, नये 48 की रिपोर्ट अभी पेंडिंग है।

परसराम नगर, बल्लाराम नगर, गांव भाईरुपा में देर रात तलाशती रही टीमें
कोरोना पॉजिटिव पाए गए नांदेड साहिब से लौटे बलविंदर सिंह पप्पी के संपर्क में आए करीब 16 लोगों की रात भर पुलिस व सेहत विभाग की टीमें तलाश करती रही। पॉजिटिव पाए गए दोनों ही व्यक्तियों को अभी मैरिटोरियस स्कूल में क्वारटांइन किए गया हैं तथा इनमें सिर्फ एक ही परिवार की बेटी को नेगेटिव आने पर घर भेजा गया था, लेकिन सेहत विभाग व प्रशासन ने उसे वापस बुला गली को सील कर दिया गया है, लेकिन इस मामले में सबसे गंभीर पहलू यह है कि इन परिवारों के साथ आए अन्य 15 लोग अपने-अपने घरों व गांवों को चले गए हैं, जिनके आगे कौन-कौन संपर्क में आया होता यह जांच का विषय है। इसमें सेहत विभाग की टीमें जुटी हैं। वहीं बल्लाराम नगर से भी 3 लोगों को किया आइसोलेट किया गया।

ऐसे हुई सियासत, जिसकी वजह से जिला बठिंडा हुआ ग्रीन जोन से बाहर
नांदेड़ साहिब में फंसे श्रद्धालुओं को पंजाब लाने के बाद सबसे पहले केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मामला उठाया। इसके बाद उन्होंने सरकार को पत्र भी लिखा। सियासत गर्माने लगी तो राज्य सरकार ने तुरंत फंसे हुए श्रद्धालुओं को लाने के लिए 80 बसें रवाना कर दी। सबसे बड़ी लापरवाही यह की गई कि इन बसों को श्रद्धालु लेकर आने का एंट्री प्वाइंट बठिंडा को ही बना दिया गया जो ग्रीन जोन में था। राजस्थान के कोटा व जैसलमेर से 1220 विद्यार्थियों तथा श्री नांदेड़ साहिब से 3200 से अधिक लोगों को पंजाब सरकार की 80 व अकाली दल की मुंबई यूनिट द्वारा अरेंज की गई बसें यहां लेकर पहुंची।

इसके बाद इन श्रद्धालुओं को यहां से आगे प्रदेश में संबंधित जिलों में रवाना किया गया। इससे बठिंडा इस समय सबसे हाईरिस्क पर है। क्योंकि यहां पर राजस्थान से आई लेबर, कोटा से आए छात्र और नांदेड़ साहिब से आए 69 श्रद्धालु पिछले 3 दिन में प्रवेश किए हैं, किसी में भी कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो समस्या बढ़ेगी।

ओरेंज जोन में आते ही प्रशासन ने ढील से किया इनकार, पहले की तरह जारी रहेगी सख्ती
पंजाब सरकार ने बुधवार को पूरे पंजाब में सुबह 7 से 11 बजे यानी चार घंटे कर्फ्यू में ढील दी थी, जिसमें मॉल व बड़े स्टोर को छोड़कर सभी दुकानों आदि को खोला जाना था, लेकिन दो कोरोना केसों के पॉजीटिव आने के बाद प्रशासन ने ढील देने के निर्णय को वापस लेते हुए पुन: शहर को कर्फ्यू में ही पहले ही भांति रखने का निर्णय लिया है। प्रशासन ने अगली सूचना तक पहले के सारे नियम लागू रहने की बात कही है। किसी तरह की कोई नई दुकान अब नहीं खुल सकेगी।

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हरसिमरत के ऑफिस का आरोप : राज्य सरकार ने स्क्रीनिंग नहीं करवाई

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के ऑफिस के अनुसार राज्य सरकार के कुछ नहीं करने पर केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र, गृहमंत्री व महाराष्ट्र सीएम के साथ होम सेक्रेटरी व महाराष्ट्र के चीफ सेक्रेटरी से लाइजनिंग करवा वापसी सुनिश्चित करवाई। शिअद के महाराष्ट्र प्रधान ने बसें अरेंज करवाईं, तब पंजाब सरकार ने बसें भेजीं। लोगों की वापसी पर राज्य सरकार ने प्रेस नोट जारी किया कि एसडीएम व तहसीलदार उन्हें रिसीव कर टेस्ट करवा रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार ने उनकी स्क्रीनिंग नहीं करवाई। सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने भी चैनल पर माना कि उन्हें चेक नहीं करवा पाए। लोगों की अपील पर हरसिमरत ने यह स्टेप लिया।

मनप्रीत के ऑफिस का पलटवार : नादेड़ से आए लोगों को बाहर रोका, सक्रीनिंग भी की

वित्तमंत्री मनप्रीत बादल के ऑफिस के अनुसार नांदेड़ से लौट रहे लोगों को शहर के अंदर जाने देने की जगह बाहर क्वारंटाइन किया गया है। सभी की स्क्रीनिंग हुई है। केंद्रीय मंत्री को ऐसे ही बयानबाजी का शौक है। एसडीएम व तहसीलदार बाॅर्डर पर सेहत विभाग की टीमों के साथ लगातार जांच कर रहे हैं। महाराष्ट्र से लाते समय लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव थीं व रास्ते में वह कहीं पॉजीटिव हुए हैं। पॉजीटिव लोगों को लाने वाली बस के सभी लोग क्वारंटाइन किए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री व उनका आफिस बता दें कि भाजपा सरकारों ने कांग्रेस सरकार के चेकिंग टेक्नीक व प्रोसेस से क्या अलग किया है।

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